रामजन्मभूमि के बाद अब जानकी प्राकट्य स्थल की बारी, ‘भव्य मंदिर’ के लिए 50 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करेगी बिहार सरकार: अयोध्या की तरह होगा पुनौरा धाम का विकास

CM नीतीश कुमार हाल ही में सीतामढ़ी गए थे (चित्र साभार: Justdial & Nitish Kumar/FB)

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद अब बिहार के सीतामढ़ी में माता सीता की जन्मभूमि को लेकर भी प्रयास तेज हो गए हैं। सीतामढ़ी में माता सीता की जन्मस्थली पर नया मंदिर बनाने और इस इलाके का विकास किए जाने की योजना पर बिहार सरकार ने काम चालू कर दिया है।

सीतामढ़ी में अब अयोध्या की तरह ही एक नए भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए पुराने मंदिर के आसपास की 50 एकड़ से अधिक जमीन अधिग्रहित की जाएगी। यह निर्णय हाल ही में बिहार कैबिनेट की एक बैठक में लिया गया है।

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए नए मंदिर के लिए प्रयासरत कामेश्वर चौपाल ने बताया, “माता सीता के लिए सीतामढ़ी का वही महत्व है जो भगवान राम के लिए अयोध्या का है। यह हिन्दुओं के लिए पवित्र है। विश्व भर से लोग अयोध्या के राम मंदिर में दर्शन करने आएँगे और माता सीता की जन्मभूमि भी देखना चाहेँगे। हम चाहते हैं कि सीतामढ़ी में माता सीता का उसी तरह का एक भव्य का निर्माण किया जाए।” चौपाल ने बताया कि अभी जो मंदिर सीतामढ़ी में है, वह 100 वर्ष पूर्व बनाया गया था और उसकी स्थिति अब अच्छी नहीं है।

कामेश्वर चौपाल ने कहा कि सीतामढ़ी में अयोध्या के राम मंदिर जैसा ही एक भव्य मंदिर बनना चाहिए। गौरतलब है कि कामेश्वर चौपाल ने ही अयोध्या के राम मंदिर आन्दोलन के समय शिलान्यास में पहली ईंट रखी थी। वह वर्तमान में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य भी हैं।

बिहार सरकार ने इससे पहले सीतामढ़ी के पुनर्विकास की योजना के लिए 16.63 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। इसके अंतर्गत नई सुविधाएँ विकसित की जानी थी। इसके लिए हाल ही में ₹72 करोड़ का बजट भी पास किया गया था।

इसके अंतर्गत सीतामढ़ी में पर्यटकों की सुविधा हेतु मुख्य मंदिर के चारों ओर परिक्रमा पथ, जानकी महोत्सव मैदान में वाहनों की पार्किंग, आगंतुकों के लिए कैफेटेरिया, कियोस्क तथा शौचालय की सुविधाओं का निर्माण कराया जाना था। इसके लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहाँ मंदिर, जिसे पुनौरा धाम कहा जाता है, का दौरा भी किया था।

अब 50 एकड़ के अधिग्रहण का प्रस्ताव इससे अलग है। इसमें नए मंदिर का निर्माण किया जाएगा। मंदिर का निर्माण अयोध्या धाम के तर्ज पर ही होगा। इसके लिए पैसे की व्यवस्था आम जनता से चंदा लेकर की जाएगी। इसके बाद मंदिर का निर्माण होगा।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रमुख सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया है कि 50 एकड़ जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव भव्य मंदिर और उसमे आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बढ़ाने को लेकर ध्यान में रख कर लाया गया है। उन्होंने बताया कि मंदिर की माँग लम्बे समय से है लेकिन जबसे अयोध्या में राम मंदिर बन कर तैयार हुआ है तबसे यह माँग और जोर पकड़ रही है।

बिहार सरकार के मंदिर के पुनर्निर्माण के इस निर्णय को काफी समर्थन मिल रहा है। लोगों का कहना है कि उनका सीतामढ़ी से धार्मिक और भावनात्मक जुड़ाव है। यदि नया मंदिर बनता है तो उनके इलाके में धार्मिक पर्यटन बढ़ने से समृद्धि आएगी। इससे ख्याति भी बढ़ेगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया