पत्रकार सोनाली मिश्रा ने लव जिहाद पर ‘नेहा की लव स्टोरी’ नाम से लिखी किताब, Pocket FM पर नोमान शाहजी के नाम से अपलोड: लेखिका ने भेजा लीगल नोटिस

पॉकेट एफएम को लीगल नोटिस (तस्वीर साभार: पॉकेट एफएम और गरुड़ पब्लिकेशन)

‘नेहा की लव स्टोरी’ – पत्रकार सोनाली मिश्रा की लव जिहाद पर लिखी किताब है। उनकी इस किताब को बहुत से लोग लेखक नोमान शाहजी द्वारा लिखी गई मान रहे हैं। इस कंफ्यूजन की वजह है – स्टोरीटेलिंग व ऑडियो प्लेटफॉर्म पॉकेट एफएम (Pocket FM) पर अपलोड की गई एक किताब। किताब का नाम है – ‘नेहा की लव स्टोरी’ और लेखक की जगह नाम लिखा हुआ है – नोमान शाहजी। इस संबंध में पुस्तक की मूल लेखिका सोनाली मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट की वकील नुपूर शुक्ला से ऑडियो प्लेटफॉर्म पॉकेट एफएम को लीगल नोटिस भिजवाया है।

नोमान शाहजी के नाम से अपलोड किताब

नोटिस में वकील नुपूर ने बताया कि सोनाली मिश्रा की किताब गरुण प्रकाशन की रति द्वारा प्रकाशित की गई थी। इस किताब ने भारत समेत कई जगहों पर ख्याति कमाई। फिलहाल ये अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफॉर्म पर मौजूद है। मगर इसकी कॉपीराइट अब भी लेखिका के पास है।

वकील नुपूर शुक्ला ने जो लीगल नोटिस भेजा है, उसमें यह आरोप लगाया गया है कि ‘नेहा की लव स्टोरी’ नामक पुस्तक की मूल लेखिका से बिना पूछे अवैध ढंग से उनकी किताब को पॉकेट एफएम पोर्टल पर डाल दिया गया। इस पोर्टल से पाठक मुफ्त में इस किताब को डाउनलोड करके पढ़ सकते हैं।

पॉकेट एफएम को वकील नुपूर शुक्ला द्वारा भेजा गया लीगल नोटिस

नोटिस के अनुसार मूल लेखक सोनाली मिश्रा से बिना पूछे पॉकेट एफएम पोर्टल पर ऐसा किया गया जो कि आईपीसी की धारा 420 और 406 के तहत दंडनीय अपराध है। इसके अलावा सोनाली मिश्रा की वकील ने लीगल नोटिस में कहा है कि इस कारण से उनकी क्लाइंट के काम को मुफ्त में और किसी अन्य के नाम से सार्वजनिक किए जाने से मानसिक आघात हुआ है, साथ ही आर्थिक नुकसान भी।

लीगल नोटिस में पॉकेट एफएम (Pocket FM) प्लेटफॉर्म को चेतावनी दी गई कि वो नोटिस मिलने के तीन दिन के भीतर किताब को हटाएँ। अगर ऐसा नहीं होता तो मामला कोर्ट तक जाएगा और परिणामों के लिए वह खुद जिम्मेदार होंगे।

वकील नुपूर शुक्ला ने लीगल नोटिस के जरिए स्टोरीटेलिंग व ऑडियो प्लेटफॉर्म पॉकेट एफएम को यह भी संदेश दिया है कि अपलोड हुई ‘नेहा की लव स्टोरी’ पुस्तक से लेखिका का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई के लिए 5 लाख रुपए भी सोनाली मिश्रा को दिए जाएँ। इतना ही नहीं अगर प्लेटफॉर्म तीन दिन के भीतर अपने पोर्टल से किताब नहीं हटाता है तो अगले दिन से उन्हें प्रतिदिन के 15000 रुपए तब तक देने होंगे, जब तक कि प्लेटफॉर्म किताब नहीं हटाता।

इन सबके अतिरिक्त वकील ने पॉकेट एफएम प्लेटफॉर्म से 11000 रुपए लीगल नोटिस के खर्चे के माँगे। वकील ने कहा है कि उनकी क्लाइंट से पॉकेट एफएम को माफी माँगनी होगी और ये भी बताना होगा कि किसके कहने पर या शह पाकर वो अवैध रूप से प्लेटफॉर्म पर किताब अपलोड की गई।

अपडेट: पॉकेट एफएम ने लेखक नोमान शाहजी द्वारा अपलोड की गई किताब ‘नेहा की लव स्टोरी’ को अपने प्लेटफॉर्म से हटा लिया है। साथ ही कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि उनके प्लेटफॉर्म पर ‘नेहा की लव स्टोरी’ पुस्तक के अपलोड किए जाने में उनका या उनके किसी कर्मचारी का कोई हाथ नहीं है, उनका प्लेटफॉर्म एक इंटरमीडियरी प्लेटफॉर्म है, जिस पर कोई भी यूजर/लेखक अपनी लिखी कृति को अपलोड कर सकता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया