रतन टाटा के नेतृत्व वाले ‘टाटा समूह’ ने भी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वित्तीय मदद सहित कई अन्य घोषणाएँ की हैं। किसी भी कॉर्पोरेट समूह की ओर से कोरोना के ख़िलाफ़ ये सबसे बड़ी मदद है। रतन टाटा ने 500 करोड़ रुपए की मदद का ऐलान किया। इसके कुछ ही देर बाद ‘टाटा संस’ ने भी 1000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त मदद की घोषणा की। टाटा ट्रस्ट ने घोषणा की है कि उसके द्वारा दी गई रकम 5 चीजों पर ख़र्च किया जाएगा। पहला, मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए। यानी, कोरोना से बचाव व इलाज हेतु कार्यरत मेडिकल कर्मचारियों के निजी सुरक्षा उपकरणों के लिए।
दूसरा, कोरोना पीड़ित मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या के कारण उन्हें रेस्पिरेटरी सिस्टम मुहैया कराने के लिए। तीसरा, ज्यादा से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग के लिए टेस्टिंग किट उपलब्ध कराने हेतु। चौथा, उन मरीजों के लिए बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए, जो संक्रमण से जूझ रहे हैं। पाँचवाँ, स्वास्थ्य कर्मचारियों और आम नागरिकों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक बनाने के लिए। इन पाँचों के लिए 500 करोड़ रुपए ख़र्च किए जाएँगे। टाटा ने कहा है कि पहले भी जब देश में मुसीबतें आई हैं तो उसने आगे बढ़ कर काम किया है, लेकिन इस बार मुसीबत सबसे बड़ी है।
https://twitter.com/RNTata2000/status/1243852348637605888?ref_src=twsrc%5Etfwवहीं ‘टाटा संस’ ने अतिरिक्त 1000 करोड़ की सहायता का ऐलान करते हुए बताया कि कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए वेंटिलेटर्स से लेकर सारे मेडिकल उपकरणों का निर्माण भारत में हो, ये सुनिश्चित किया जाएगा। टाटा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में सभी को साथ रह कर मुसीबत का सामना करना चाहिए। टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा कि जल्द से जल्द इमरजेंसी सेवाओं में तेज़ी आए और संसाधन जुटाए जाएँ, ये प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मानव सभ्यता सबसे बड़े संकटों में से एक झेल रही है।
https://twitter.com/RNTata2000/status/1243852348637605888?ref_src=twsrc%5Etfwबता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वित्तीय सहयोग के लिए लोगों से निवेदन किया है। कई बड़े सेलिब्रिटी और कॉर्पोरेट जगत के लोगों ने मदद का ऐलान किया है। रिलायंस ने मुंबई में देश का पहला ‘कोरोना वायरस डेडिकेटेड अस्पताल’ कुछ ही दिनों में बना दिया, जहाँ लोगों का इलाज शुरू हो गया है। इसी तरह टाटा ने भी ज़रूरी सुविधाओं और उपकरणों की उपलब्धता पर ज़्यादा ज़ोर दिया है।