Friday, November 22, 2024
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इस्लाम में बाल शोषण: हिंदू-मुस्लिम पर उपन्यास लिख चुकीं महिला को ‘वेश्या’ की गाली, टूट पड़े कट्टरपंथी

“जब वेश्या के मुँह से शब्द निकलते हैं तो हिंसक शब्दों के अलावा कुछ बाहर नहीं आता... आधुनिकता अपना तन ढकने में है क्योंकि नग्नता पहले हुआ करती थी।"

इस्लाम के संदर्भ में जब-जब महिलाओं की बात होती है तो सबसे पहले दिमाग में हिजाब, नकाब, बुर्का उभर कर आते हैं। कई नारीवादियों का मानना रहा है कि ये पोशाक इस्लाम में पसरी कट्टरता और पितृसत्ता का प्रभाव है। तस्लीमा नसरीन ऐसी ही एक नारीवादी हैं, जो इस मजहबी कट्टरता का पुरजोर विरोध करती हैं और इस बेबाक रवैये के कारण उन्हें आए दिन कट्टरपंथियों के गुस्से का शिकार होना पड़ता है। 

रविवार (फरवरी 21, 2021) की शाम एक बार दोबारा ऐसा ही हुआ, जब उन्होंने हिजाब पहनी छोटी बच्ची की तस्वीर अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर डाली। तस्लीमा ने इन तस्वीरों के साथ लिखा, “इस्लाम इन बच्चों से इनका बचपन छीन रही है। इनके अभिभावकों को बाल अधिकार नकारने के लिए दंडित किया जाना चाहिए। ये निश्चित तौर पर बाल शोषण है।”

तस्लीमा के इस ट्वीट के बाद कई लोग ऐसे दिखे, जिन्होंने उनका पूर्णत: समर्थन किया, मगर कुछ ने मामले की गंभीरता को नकारते हुए इसे इस्लाम पर हमले जैसे माना और लेखिका को गाली देने लगे।

हसन मुहम्मद ने इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, “जब वेश्या के मुँह से शब्द निकलते हैं तो हिंसक शब्दों के अलावा कुछ बाहर नहीं आता।”

नौमन खान लिखते हैं, “जिस महिला को अपनी लापरवाही के कारण अपने ही देश से प्रतिबंधित कर दिया गया, वो अब इस्लामी जगत को सिखाएगी। आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि आधुनिकता अपना तन ढकने में है क्योंकि नग्नता पहले हुआ करती थी, जब ब्राह्मण दलितों को उनका वक्ष ढकने से रोकते थे। इसके और भी उदाहरण हैं।”

सैयद लिखते हैं, “तुम्हें हमसे क्या मतलब है? क्या तुम मुस्लिमों, इस्लाम, और कुरान के अलावा कुछ और नहीं सोच सकती। शायद ऐसा इसलिए है क्योंकि तुम जानती हो कि सच क्या है और तुम उसे मानने को तैयार नहीं। तुम्हें बहुत दिक्कत है। तुम इस्लामोफोब हो।”

जुनैद अनवर लिखते हैं, “तुम्हें अपने काम से काम रखना चाहिए और सिर्फ पश्चिम की आलोचना करनी चाहिए और उनके द्वारा किए गए बाल शोषण पर बोलना चाहिए।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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