‘तेरे जैसे दिवाली मनाते होंगे, हम अल्लाह पर यकीन करते हैं’: संघियों को उपदेश दे रही थी द प्रिंट की कॉलमनिस्ट जैनब, कट्टरपंथियों ने लताड़ा

इस्लामी कट्टरपंथियों ने जैनब को किया ट्रोल

सोशल मीडिया पर प्रोपगेंडा फैलाने वाले अक्सर अपने ही प्रोपगेंडा में फँसकर ट्रोल हो जाते हैं। कुछ ऐसा ही द प्रिंट की स्तंभकार जैनब सिकंदर के साथ हुआ है। जैनब ने 4 नवंबर को दीप जलाते हुए एक फोटो पोस्ट की और ‘संघियों’ पर तंज कसने के लिए दावा किया कि मुस्लिम हमेशा से दिवाली मनाते हैं। लेकिन अब संघियों को साबित करने के लिए फोटो डालनी पड़ती है।

अब जहाँ जैनब अपने ट्वीट से ये साबित करना चाहती थीं कि उनके समुदाय में कैसे हिंदू त्योहार खुशी-खुशी मनाए जाते हैं लेकिन संघी इस बात पर यकीन नहीं करते। वहीं उनकी फोटो के नीचे कट्टरपंथी ही उनकी तस्वीर देख उन्हें ट्रोल करने लगे।

एक कट्टरपंथी ने कहा, “तेरे जैसे लोग मनाते होंगे, हम लोग अल्लाह और पैगंबर पर यकीन करते हैं। ये हराम है कि किसी भी त्योहार और अन्य धर्म के चरित्र को अपनाएँ। उम्मीद है बात समझ आएगी। अल्लाह हिदायत दे। आमीन।”

वकास असलम चीमा कहते हैं, “हम हर धार्मिक भावना की इज्जत करते हैं लेकिन दीवाली मनाना शिर्क है, चाहे हालात कोई भी हो।”

एक महिला यूजर कहती है, “बाजी आपकी मजबूरी है ऐसी बातें करना…भारतीय मुसलमान हो ना, वरना मुस्लिम कभी दिवाली नहीं मनाते।”

सबजार ने कहा, “तुम्हारी राय हमारा मजहब नहीं है। हमें अपने जैसा बताना बंद करो।”

उज्मा सिराज कहती है, “उन्हें तो मुस्लिमों के भारतीय होने पर भी शक है, उसके लिए क्या करेंगी।”

बता दें कि जैनब सिकंदर ही वह स्तंभकार हैं जिन्होंने अपने एक लेख में दावा किया था कि हिंदुओं को जानवरों की हत्या से कोई फर्क़ नहीं पड़ता, जब तक कि कोई हत्या दलित, मुस्लिम और ईसाई न हो। इसके अलावा उन्होंने एक लेख लिखा था जिसमें बताया था कि कैसे हिंदू राष्ट्र का आधार राम मंदिर नहीं बल्कि लव जिहाद के ख़िलाफ़ कानून है। ऐसे ही सिकंदर ने चीन-भारत विवाद पर बबीता फोगाट को राष्ट्रवाद का अर्थ समझाने की कोशिश की थी। लेकिन बबीता ने उन्हें लताड़ लगाते हुए बताया था कि चाइना प्रेम राष्ट्रवाद है तो फिर ये राष्ट्रवाद कॉन्ग्रेस को मुबारक। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया