ममल्लापुरम बीच पर PM मोदी ने की सफाई, उठाया कूड़ा, देखें Video

नरेंद्र मोदी ने मल्लापुरम की बीच के पास की सफाई

तमिलनाडु के ममल्लापुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अनौपचारिक शिखर बैठक कर रहे हैं। कल (अक्टूबर 11, 2019) इस बैठक के पहले दिन उन्होंने राष्ट्रपति जिनपिंग से आतंकवाद से जुड़े मुद्दों पर बात की। इसके बाद वह आज सुबह की सैर के लिए ममल्लापुरम बीच पर गए। वहाँ उन्होंने बीच किनारे पड़े कूड़े को उठाया।

उन्होंने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “आज सुबह ममल्लापुरम में एक बीच पर 30 मिनट Plogging की। ये सब 30 मिनट तक चला।

https://twitter.com/narendramodi/status/1182863814217420806?ref_src=twsrc%5Etfw

इस 3 मिनट की वीडियो में प्रधानमंत्री बीच पर कैजुअल कपड़ों में नजर आ रहे हैं। उन्होंने टीशर्ट और ट्रैक पैंट पहनी है और सैर के दौरान वे समुद्र किनारे पड़े कूड़े को अपने हाथ से उठा रहे हैं। अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात की जानकारी दी कि उन्होंने ये कूड़ा एक थैली में एकत्रित करके होटल के स्टाफ जेयाराज को सौंपा। उन्होंने लिखा कि हम सभी लोगों को सुनिश्चित करना चाहिए कि सार्वजनिक स्थान साफ-सुथरा रहें। इसके साथ ही उन्होंने लोगों को स्वस्थ और सेहतमंद रहने का संदेश दिया।

बता दें कि अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री ने सफाई अभियान के लिए PLOGGING शब्द का उपयोग किया।
दरअसल, सुबह की सैर (जॉगिंग) के दौरान कूड़ा उठाने को ‘प्लॉगिंग’ कहते हैं। जहाँ तक इसके बारे में जानकारी उपलब्ध है, इसकी शुरुआत 2016 में स्वीडन से हुई थी। पीएम मोदी ने 2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी के जन्मदिवस के अवसर पर प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने को लेकर शुरू हो रहे अभियान का जिक्र करते हुए
प्लॉगर रिपुदमन बेल्वी देश की तारीफ की थी।

हालाँकि, देश को स्वच्छ बनाने के लिए प्रधानमंत्री अपने पहले कार्यकाल से ही स्वच्छता अभियान के लिए लोगों को जागरूक करते आए हैं। सरकार #HumFitTohIndiaFit movement की शुरुआत भी कर चुकी है। ऐसे में प्रधानमंत्री द्वारा PLOGGING किए जाने को देखकर लगता है कि वो ऐसा करते हुए इन दोनों अभियानों को एक साथ प्रोत्साहित कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान के तहत भारत के 93% ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय की सुविधा पहुँचा दी गई है और अब तक 9 करोड़ शौचालय बन चुके हैं। इन आँकड़ों की जानकारी खुद पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने दी है। उन्होंने बताया है कि उन्होंने साल 2018 के नवंबर से फरवरी 2019 तक एक सर्वे कराया था, जिसमें ये आँकड़े निकलकर आए हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया