Sunday, November 3, 2024
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गले से क्रॉस निकाला, घर से निकाल दी बाइबिल, उठा ली हनुमान चालीसा… जौनपुर में 310 लोगों ने की घर-वापसी, शुद्धिकरण के लिए हुआ हवन

सामूहिक घर-वापसी का यह कार्यक्रम बरसठी थाना क्षेत्र के गाँव सरसरा में आयोजित हुआ था। कार्यक्रम का संत रविदास धर्म रक्षा समिति द्वारा किया गया। घर-वापसी करने वाले लोगों ने बताया कि लगभग 10 साल पहले उन्हें राजेंद्र चौहान नाम का पादरी मिला था।

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में 10 साल पहले हिन्दू से ईसाई बनाए गए 36 परिवारों ने घर वापसी की है। इन सभी का वैदिक विधि-विधान से शुद्धिकरण हुआ। घर वापसी करने वाले कुल लोगों की संख्या 310 बताई जा रही है। इसमें मुस्लिम परम्परा को मानने वाले 5 अन्य परिवार के लोग भी शामिल हैं। सनातन में वापस आने वालों में महिलाएँ, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं। इन सभी ने माना कि उन्होंने किसी के बहकावे में आकर हिन्दू धर्म छोड़ दिए थे। सामूहिक घर वापसी का यह कार्यक्रम रविवार (5 नवम्बर, 2023) को सम्पन्न हुआ।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सामूहिक घर-वापसी का यह कार्यक्रम बरसठी थाना क्षेत्र के गाँव सरसरा में आयोजित हुआ था। कार्यक्रम का आयोजन ‘संत रविदास धर्म रक्षा समिति’ द्वारा किया गया। घर-वापसी करने वाले लोगों ने बताया कि लगभग 10 साल पहले उन्हें राजेंद्र चौहान नाम का पादरी मिला था। इस पादरी के प्रभाव में आ कर धीरे-धीरे गाँव और आसपास के 30 परिवार के 310 लोगों ने हिन्दू धर्म छोड़ कर ईसाइ मत अपना लिया था। इन परिवारों में अधिकतर अनुसूचित जाति (SC) वर्ग से थे।

घर-वापसी कार्यक्रम का आयोजन करने वाले लोगों में स्थानीय निवासियों के अलावा काशी के संत मौजूद थे। उन्होंने बताया कि ईसाई मत अपनाने के बावजूद इन सभी परिवारों का इनके मूल धर्म से जुड़ाव बना रहा। ये सभी दुर्गा पूजा में भी शामिल होते रहे। विश्व हिन्दू परिषद के सदस्यों ने सभी को गंगाजल और हनुमान चालीसा दे कर सनातन धर्म की विशेषताओं के बारे में बताया। आयोजकों और घर-वापसी करने वालों ने मिल कर सामूहिक हवन में भी हिस्सा लिया। इस दौरान सभी ने हिन्दू देवी-देवताओं के जयकारे लगाए।

कार्यक्रम के दौरान घर-वापसी करने वालों ने अपने गले से क्रॉस उतार कर और बाइबिल को घर से निकाल कर अपनी जाति के मुखिया को सौंप दिया। इसी बीच मुस्लिम मत को मानने वाले नट बिरादरी के 5 परिवारों ने सनातन धर्म में आस्था जताई। वो सब भी घर वापसी के लिए हो रहे यज्ञ में शामिल हुए और आगे से हिन्दू धर्म में संस्कारों के मुताबिक जीवन जीने का संकल्प लिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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