जामिया मिलिया, इस्लामिक सेंटर और OXFAM अब विदेशों से नहीं ले सकेंगे चंदा, लगभग 6000 NGO का FCRA लाइसेंस रद्द

FCRA निरस्त होने के बाद अब विदेशों से नहीं ले सकेंगे चंदा (साभार: अमर उजाला)

जामिया मिलिया, इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर, ऑक्सफैम इंडिया सहित लगभग 6,000 गैर-सरकारी संगठन यानि एनजीओ (NGo) अब विदशों से दान या चंदा नहीं ले सकेेंगे। इन संगठनों का विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (FCRA) लाइसेंस शुक्रवार (31 दिसंबर) को समाप्त हो गया। इनमें से कुछ संगठनों के लाइसेंस को निरस्त भी कर दिया गया है, जबकि अधिकांश ने लाइसेंस रिन्युअल के लिए आवेदन ही नहीं दिया।

FCRA की सूची में से 5,789 संगठनों को बाहर कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया था। यह विदेशी धन प्राप्त करने के लिए अनिवार्य है। इसके अलावा, 179 संगठनों के लाइसेंस को रद्द कर दिया गया। दस्तावेजों की जाँच के दौरान इन संगठनों को FCRA नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया था।

मंत्रालय ने बताया कि इन संस्थानों को 31 दिसंबर से पहले FCRA नवीनीकरण के लिए आवेदन करने के लिए कहा गया था। इसके साथ ही इन्हें कई बार रिमाइंडर भी भेजा गया था। इसके बावजूद इन संस्थानों ने आवेदन नहीं किया। मंत्रालय ने कहा कि अब इन संगठनों को विदेशों से चंदे लेने की इजाजत नहीं होगी।

FCRA लाइसेंस गँवाने वाले संस्थानों में ऑक्सफैम इंडिया ट्रस्ट जैसे विवादित एनजीओ भी हैं। इसके अलावा, जामिया मिलिया इस्लामिया, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), लेप्रोसी मिशन, ट्यूबरकुलोसिस एसोसिएशन ऑफ इंडिया, इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर भी इस सूची में शामिल हैं।

आईआईटी दिल्ली, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल फाउंडेशन, लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमन, दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय, इमैनुएल हॉस्पिटल एसोसिएशन, विश्व धर्मायतन, महर्षि आयुर्वेद प्रतिष्ठान, नेशनल फेडरेशन ऑफ फिशरमेन कोऑपरेटिव्स लिमिटेड भी अब विदेशों से दान ले पाएँगे।

बता दें कि देश में शुक्रवार (31 दिसंबर) तक 22,797 संगठन FCRA के तहत पंजीकृत संगठन थे। अब सिर्फ देश में 16,829 संगठन रह गए हैं, जो FCRA के तहत रजिस्टर्ड हैं। 31 दिसंबर 2021 तक 5,968 संगठनों (5,789 ने आवेदन नहीं किया + 179 उल्लंघन के लिए खारिज कर दिया) को हटा दिया गया।

इससे पहले 25 दिसंबर को मदर टेरेसा द्वारा कोलकाता में स्थापित मिशनरीज ऑफ चैरिटी को पात्रता की शर्तों को पूरा नहीं करने के कारण उसके आवेदन को खारिज कर दिया गया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसको लेकर केंद्र पर निशाना साधा था। वहीं, गृह मंत्रालय ने ऐसी किसी से कार्रवाई से इनकार किया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया