JNU हिंसा: लेफ्ट की पोल खोलते हुए ABVP ने जारी किए 8 वीडियो, दिखी CPI के बड़े नेता की बेटी

एबीवीपी प्रेस कॉन्फ्रेंस (साभार: PTI)

जेएनयू में भड़की हिंसा के बाद वामपंथी संगठनों ने मुखर होकर एबीवीपी कार्यकर्ताओं को पूरी घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया। हालाँकि, इस दौरान कई उपलब्ध साक्ष्यों ने लेफ्ट के दावों को खारिज किया। लेकिन, फिर भी सिर्फ़ और सिर्फ़ एबीवीपी पर आरोप मढ़े जाते रहे। इसी बीच अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए कल 13 जनवरी को एबीवीपी ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जहाँ संगठन ने हिंसा में शामिल वामपंथ की परतों को सबूतों सहित खोलकर रख दिया।

कल प्रेस वार्ता में न केवल एबीवीपी ने लेफ्ट को 5 जनवरी की हिंसा के लिए उत्तरदायी बताया। बल्कि एक साथ 8 वीडियो जारी कर लेफ्ट का पर्दाफाश भी किया। जानकारी के अनुसार इन वीडियो में लेफ्ट कार्यकर्ताओं को स्पष्ट रूप से एबीवीपी कार्यकर्ताओं को मारते देखा जा सकता है। साथ ही उन लोगों को भी साफ देखा जा सकता है, जिनके नाम पुलिस ने हिंसा के मद्देनजर लिए। बता दें, पत्रकारों से बात करते हुए एबीवीपी नेताओं ने मामले में विस्तार से जाँच की माँग उठाई।

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गौरतलब है कि इस कॉन्फ्रेंस में एक ओर जहाँ एबीवीपी के प्रदेश सचिव सिद्धार्थ यादव, वीडियो में सीपीआई नेता डी. राजा की बेटी अपराजिता के हाथ में डंडे पर ध्यान सबका आकर्षित करवाते दिखे। वहीं, अपराजिता की मां और सीपीआई लीडर ऐनी राजा ने कहा कि एबीवीपी जेएनयू कैंपस में हुए हमले से ध्यान हटाने के लिए इस तरह की बात कर रही है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता सिद्धार्थ यादव ने कहा कि लेफ्ट विंग के ऐक्टिविस्टिस और छात्र विडियो में मफलर पहने हुए रॉड और डंडे इकट्ठे करते दिख रहे हैं।

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एक अन्य वीडियो में आइशी घोष और जेएनयू स्टूडेंट यूनियन की पूर्व संयुक्त सचिव अमुथा जयदीप डंडे लेकर पेरियार हॉस्टल में जाती दिख रही हैं। वहीं, दूसरे वीडियो में वामपंथी प्रोफेसर बीएस बडोला को सुरक्षाकर्मियों को धमकी देते देखा जा सकता है। यहाँ साफ कर दें कि एबीवीपी द्वारा जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक बीएस बडोली वहीं प्रोफेसर हैं, जिन्होंने लेफ्ट गुंडों को परिसर में घुसाने में मदद की थी।

इसके अलवा जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष गीता कुमारी को नकाबपोशों के साथ बैठा देखा जा सकता है और चुनचुनकुमार को हाथ में डंडा लेकर छात्रों को दौड़ाते, हमला करते देखा जा सकता है।

बता दें कि एबीवीपी ने इस वार्ता में बताया कि जेएनयू का माहौल 28 अक्टूबर से ही तनावपूर्ण था। संगठन का आरोप है कि वामपंथियों ने छात्रों की भावनाओं को भड़काया, उनका दुरुपयोग किया। लेकिन जब छात्र उनके झाँसे में ज्यादा दिन नहीं फँसे रहे तो उन्होंने हिंसा का प्रयोग किया और विश्वविद्यालय में सभी शैक्षणिक गतिविधियों को बाधित किया। एबीवीपी का कहना है कि जेएनयू में पिछले 2 महीने से कक्षाएँ नहीं चल रहीं थी। वामपंथी परीक्षा भी नहीं होने दे रहे थे। ऐसे में अब पंजीकरण करने से रोकने के लिए छात्रों पर भी हमला कर दिया।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का आरोप है कि वामपंथी छात्र उन वामपंथी प्रोफेसरों के निर्देशों पर ये सब कर रहे हैं, जो राजनीति से प्रेरित हैं और अपनी भयानक राजनीति खेलने के लिए ऐसा कर रहे हैं।

यहाँ स्पष्ट कर दें कि एबीवीपी ने पुलिस को सभी वीडियो साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किए हैं। साथ ही 28 अक्टूबर से शुरू होने वाली घटनाों की श्रृंखला की निष्पक्ष और विस्तृत जाँच की माँग की है।

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