मस्जिदों में अल्कोहल वाले सैनिटाइजर का प्रयोग हराम, अल्लाह के घर को नापाक न बनाएँ: मरकज के फतवे पर देवबंद की मुहर

मस्जिदों में सैनिटाइजर का उपयोग प्रतिबंधित करने को लेकर फतवा जारी (प्रतीकात्मक चित्र)

बरेलवी मरकज द्वारा मस्जिदों में अल्कोहल युक्त सेनेटाइजर के प्रयोग को हराम बताया गया। अब दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी का कहना है कि ये बिलकुल ही दुरुस्त फतवा है। उन्होंने दोहराया कि सैनिटाइजर में अल्कोहल होता है और अल्कोहल का प्रयोग मस्जिद में किसी भी हालत में नहीं किया जा सकता, ये इस्लाम के ख़िलाफ़ है। मस्जिदों को सैनिटाइज करने के किए दारुल उलूम ने क्लोरीन व अन्य केमिकलों के इस्तेमाल की सलाह दी है।

बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए विशेषज्ञों ने उन्हीं सैनिटाइजरों के इस्तेमाल की सलाह दी है, जिनमें अल्कोहल की मात्रा कम से कम 70% हो। सुन्नी बरेली मरकज के दारुल इफ्ता से जारी किए गए फतवे में मस्जिदों में अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का छिड़काव करने को प्रतिबंधित करते हुए फतवा जारी कर दिया गया है। दारुल उलूम देवबंद ने इस फतवे का समर्थन किया है और जायज ठहराया है। ‘हिंदुस्तान’ की ख़बर के अनुसार, मोहतमिम ने कहा:

सेनेटाइज करने के लिए क्लोरीन सहित कई अन्य प्रकार की चीजें भी उपलब्ध हैं। ऐसे में अल्कोहल वाले सेनेटाइजर को मस्जिदों में क्यों प्रयोग किया जाए। देवबंद समेत सभी मस्जिदों में क्लोरीन से ही सेनेटाइज किया जा रहा है। मस्जिद में आने वाले लोग भी बगैर अल्कोहल वाला सेनेटाइजर इस्तेमाल कर रहे हैं या फिर साबुन से हाथ धो रहे हैं। इसीलिए ये फतवा बिल्कुल सही है।

इससे पहले दरगाह आला हजरत स्थित सुन्नी मरकजी दारुल इफ्ता के मुफ्ती अब्दुर्रहीम नश्तर फारूकी ने कहा था कि इस्लाम में अल्कोहल को हराम करार दिया गया है, अतः सैनिटाइजर का इस्तेमाल मस्जिदों में बिलकुल नहीं किया जाए। उन्होंने आगे फ़रमाया था कि मस्जिद अल्लाह का घर है और अल्लाह के घर को नापाक नहीं होने दिया जाना चाहिए। हालाँकि, इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल भी किया गया।

बता दें कि अनलॉक-1 के तहत 8 जून से सरकार ने सभी धार्मिक स्थलों को खोलने के निर्देश दिए थे और इसके साथ ही कुछ अनिवार्य दिशा-निर्देश भी जारी किए गए थे। सैनिटाइजर से धार्मिक स्थलों को सैनिटाइज कराया जाना इन्हीं निर्देशों में से एक था। मुफ़्ती के बयान के बाद लोगों ने उन्हें याद दिलाया कि सैनिटाइजर ही नहीं बल्कि कई केमिकल्स में अल्कोहल होते हैं। इस्लामिक मुल्कों में भी इसका प्रयोग किए जाने की बात कई लोगों ने बताई।

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जमात रजा मुस्तफा के मीडिया प्रभारी समरान खान ने भी प्रेस में बयान जारी करते हुए कहा कि मुसलामानों को चाहिए कि अल्कोहल वाला सैनिटाइजर इस्तेमाल कर के अपनी नमाजें बर्बाद न करें। उनका पूछना था कि अगर जगह ही नापाक हो गई तो फिर वहाँ नमाज कैसे अदा किया जा सकता है? सभी मस्जिदों के इमामों को भी कह दिया गया है कि जब नमाज के वक़्त परफ्यूम लगाने की इजाजत नहीं है तो अल्कोहल का प्रयोग कैसे किया जा सकता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया