AMU में हिंदुत्व मुर्दाबाद के नारों के साथ नागरिकता संशोधन बिल की जलाई कॉपियाँ, 720 पर FIR

एएमयू में प्रदर्शन करते और बिल की कॉपी जलाते छात्र (फाइल फोटो)

लोकसभा में सोमवार को पास हुए नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) का अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में विरोध शुरू हो गया है। देर शाम खुद को छात्र कहने वाले उन्मादियों के समूह ने कैंपस में सभा की, जिसमें कैब को मुस्लिम विरोधी करार दिया गया। बाद में छात्रों ने नागरिकता संशोधन विधेयक की प्रतियाँ फूँकीं और ‘हिंदुत्व मुर्दाबाद’ के नारे भी लगाए। इस उन्मादियों ने कहा कि यह कानून संविधान के खिलाफ है। यह बाबा साहब डॉ आंबेडकर की सोच के खिलाफ है। गाँधी, नेहरू, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आज़ाद, राजगुरू, फूले, मौलाना आज़ाद, लाल बहादुर शास्त्री, सरदार पटेल की सोच के खिलाफ है।

मंगलवार (दिसंबर 10, 2019) को छात्रों ने मौलाना आजाद लाइब्रेरी से लेकर यूनिवर्सिटी सर्किल तक बिल के विरोध में पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मशाल जुलूस निकाला। विश्वविद्यालय के सभी छात्र लाइब्रेरी के पीछे कैंटीन पर इकट्ठा हुए और इसके बाद हाथों में मशाल लेकर, बिल की प्रतियाँ जलाते हुए जुलूस को आगे बढ़ाया। छात्रों द्वारा निकाले गए मशाल जुलूस के दौरान हंगामा और नारेबाजी करने से माहौल बिगड़ गया। हालात को संभालने पहुँची पुलिस से छात्रों ने धक्का-मुक्की और अभद्रता की। इस मामले में थाना सिविल लाइंस पुलिस ने दो पूर्व छात्रसंघ अध्यक्षों सहित 20 नामजद और 700 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

इस मौके पर पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने कहा, “यह मशाल जलूस नागरिकता बिल के विरोध में निकाला गया है। हमारी अपील है कि राज्य सभा में सांसद इस बिल का समर्थन नहीं करें। सलमान ने कहा कि यह बिल केवल मुस्लिमों के लिए ही नहीं बल्कि हिंदु समुदाय और हिंदुस्तानी संस्कृति के लिए भी खतरा है।” 

वहीं पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष फैजुल हसन का कहना है कि अब उन मुस्लिमों को जरूर सोचना चाहिए, जो इस बिल के खिलाफ बोलना तो छोड़िए, बल्कि जो लोग थोड़ी बहुत आवाज उठा रहे हैं, उनका मजाक बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बिल आपकी (मजहब की) शनाख्त तक को खत्म करने के लिए बनाया जा रहा है। आप इसको मजाक उड़ाकर उन सबका हौसला तोड़ रहे हैं, जो दूसरे मजहब के होकर खुलेआम हमारी लड़ाई लड़ रहे हैं। देश में शांति थी लेकिन भाजपा सरकार देश में गृह युद्ध कराना चाहती है।

उन्होंने कहा कि अब आंदोलन करने का वक्त आ गया है। इस अवसर पर जैद शेरवानी, हमजा नोमान, जावेद, मसूद, अहमद मुस्तफा, असलम, अशरफ आदि सैकड़ों छात्र मौजूद थे। बता दें कि आमतौर से कैंपस में जुलूस और मार्च के बाद छात्र किसी जिम्मेदार अधिकारी या व्यक्ति को ज्ञापन देकर अपनी बात सरकार तक पहुँचाते हैं। लेकिन मंगलवार की रात कोई ज्ञापन नहीं दिया गया। उनका कहना था कि ज्ञापन से कुछ नहीं होता।

वहीं मुस्लिम यूथ एसोसिएशन के अध्यक्ष व राष्ट्रवादी नेता मोहम्मद आमिर रशीद ने इस बिल के पास होने पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों से आए हुए मुस्लिम शरणार्थी हमारे देश में रहकर सबसे ज्यादा नुकसान देश के मुस्लिमों का ही कर रहे थे। देश के मुस्लिमों को बिल से डरने की जरूरत नहीं। देश का मुस्लिम राष्ट्रवादी है। इसके साथ ही आमिर ने ओवैसी को सलाह देते हुए कहा कि दूसरे जिन्ना बनने की कोशिश न करें। जितना मुस्लिम हमारे देश में सुरक्षित है उतना तो इस्लामिक मुल्कों में भी नहीं।

इसके साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता विशाल देशभक्त और सांसद सतीश गौतम के प्रवक्ता संदीप चाणक्य ने भी एएमयू में किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा कि यह सिर्फ अराजकता फैलाना चाहते हैं। विशाल ने कहा कि एएमयू में जो मुस्लिम नागरिक संशोधन बिल का विरोध कर रहे है उन्हें सिर्फ देश मे अराजकता फैलाने से मतलब है क्योंकि इस बिल में मुस्लिमों के हितों को कोई क्षति नहीं पहुँचाई गई है।

संदीप चाणक्य का कहना है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यहाँ अराजक तत्वों का जमावड़ा आम बात है। यह चिंता का विषय है। जहाँ एक ओर पूरे देश में नागरिकता संशोधन बिल के लोकसभा में पास होने पर हर्ष का माहौल है। वहीं एएमयू में मातम मनाया जा रहा है। साथ ही एएमयू का प्रॉक्टर विभाग का भी कहना है कि हिंदुत्व विरोधी नारेबाजी से साबित हो गया कि देश विरोधी ताकतें पनप रही हैं। बिल के मुताबिक यहाँ रहने वाले किसी भी मूल नागरिक को इस बिल से कोई हानि नहीं है। उसके बाद भी इनका अनर्गल प्रलाप देश हित में नहीं है।

जिसने किया भारत पर सबसे पहला हमला, उसी संग नेहरू ने किया समझौता: इसी कारण बनी CAB

लोकसभा में हाँ, राज्यसभा में ना: नागरिकता संशोधन विधेयक पर शिव सेना का ‘पेंडुलम हिंदुत्व’

नागरिकता विधेयक पर वामपंथी फैला रहे प्रपंच, ये रहे आपके कुछ सवालों के जवाब

भोला जहाँ 8-70 साल की 200 हिंदू महिलाओं का रेप हुआ, अमित शाह को क्यूँ याद आई वह बर्बरता

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया