पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद शुरू हुई हिंसा कम होने का नाम नहीं ले रही है। 2 मई को राज्य में विधानसभा चुनाव परिणाम आने और तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) की सरकार बनने के बाद जहाँ एक ओर हजारों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और समर्थक राज्य से पलायन कर चुके हैं वहीं अभी भी इन पर हो रहे हमलों की खबरें सामने आ रही हैं। रविवार (23 मई) को भी एक भाजपा कार्यकर्ता का शव फंदे से लटकता हुआ मिला और दो अन्य घटनाओं में भाजपा कार्यकर्ताओं से मारपीट की गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोलकाता के दमदम पार्क इलाके में एक भाजपा कार्यकर्ता का शव फंदे से लटकता हुआ मिला। शव भाजपा कार्यकर्ता प्रसेनजीत दास (40) का बताया जा रहा है। दास दमदम पार्क के हरिचन्द पल्ली इलाके में रहते थे। चुनाव परिणाम आने के बाद से ही दास तृणमूल के गुंडों के डर से छुपे हुए थे लेकिन हाल ही में उनके पिता की तबीयत सही नहीं थी जिससे वो घर लौटे थे।
परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि इलाके के गुंडों ने दास के साथ मारपीट की थी। इसके अलावा परिवार के सदस्यों और भाजपा ने आरोप लगाया कि टीएमसी की पूर्व पार्षद शंपा चक्रवर्ती ने गुंडों से भाजपा के लिए काम करने वालों को पकड़कर मारने के लिए कहा है।
एक दूसरी घटना में उत्तर दिनाजपुर के बालुरघाट कस्बे के रवीन्द्रनाथ इलाके में एक भाजपा कार्यकर्ता के साथ मारपीट की गई, उसका सिर फोड़ दिया गया और उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। भाजपा कार्यकर्ता छोटन मालाकार के साथ उस समय मारपीट की गई जब वह बाजार जा रहे थे। मारपीट का आरोप टीएमसी के कार्यकर्ताओं पर है। मालाकार बालुरघाट भाजपा शक्ति केंद्र के प्रमुख हैं।
इसके अलावा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने आरोप लगाया है कि बराकपुर ABVP के अध्यक्ष ऋषभ सरकार के घर पर टीएमसी के गुंडों ने हमला किया और मारपीट की। टीएमसी के गुंडों पर ऋषभ के परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट करने और लैपटॉप एवं फोन लूटने का आरोप है।
https://twitter.com/ABVPVoice/status/1396355350882750470?ref_src=twsrc%5Etfwआपको बता दें कि 8 चरणों में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम 02 मई 2021 को घोषित किए गए। चुनाव परिणामों में तृणमूल कॉन्ग्रेस ने एक बार फिर सत्ता में वापसी की। हालाँकि तभी से ही राज्य में भाजपा कार्यकर्ता और समर्थकों के खिलाफ हिंसा का दौर प्रारंभ हो गया जो अभी भी चल रहा है। हजारों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और समर्थक राज्य से पलायन कर रहे हैं और असम में शरण ले रहे हैं।