प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर आज रविवार (मार्च 22, 2020) को पूरे देश के लोग जनता कर्फ्यू का पालन कर रहे हैं। वहीं एक तबका ऐसा भी है जो न सिर्फ़ अन्य लोगों के लिए ख़तरा बन कर उभरा है, बल्कि अपनी जिद के कारण कोरोना के ख़तरे को नज़रअंदाज़ कर रहा है। ये तबका है सीएए विरोधियों का। दिल्ली से लेकर लखनऊ तक सीएए विरोधियों के गुट ने सरकार, डॉक्टरों व विशेषज्ञों की हर सलाह को धता बताते हुए कोरोना के ख़तरे को नज़रअंदाज़ कर धरना-प्रदर्शन जारी रखा।
लखनऊ स्थित घंटाघर के नीचे कई महिलाओं ने धरना देकर पीएम मोदी की इस अपील का मखौल उड़ाया। वहाँ इससे पहले भी सीएए विरोधी धरने पर बैठे हुए थे। कोरोना वायरस के ख़तरे को देखते हुए सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करने की सलाह दी जा रही है और लोगों को हाथ न मिलाने से लेकर एक-दूसरे से दूर रहने को कहा जा रहा है। लेकिन, सोशल मीडिया पर वायरल हो हरे कई मजहबी विडियो के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि कोरोना समुदाय विशेष का कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।
https://twitter.com/ANINewsUP/status/1241583979070808065?ref_src=twsrc%5Etfwलखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुरजीत पाटिल ने बताया कि शहर के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर पूरी तरह अमल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि क़ानून-व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए पुलिस बल को तैनात किया गया है। इसी तरह दिल्ली के शाहीन बाग़ में भी धरना स्थगित नहीं किया गया है। वहाँ अब चौकी लगा कर महिलाएँ बैठी हुई हैं। जूता-चप्पल रख कर भी प्रदर्शनकारी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
https://twitter.com/wajihulla/status/1241583221969584128?ref_src=twsrc%5Etfwउधर रविवार की सुबह एक एक अन्य तस्वीर आई, जिसमें देखा जा सकता है कि शाहीन बाग़ एंटी-सीएए प्रदर्शन स्थल के नजदीक आग लगी हुई है और लोग उसे बुझाने में लगे हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि वहाँ किसी ने पेट्रोल बम फेंक दिया था। सोशल मीडिया पर लोगों ने आशंका जताई है कि हो सकता है कि शाहीन बाग़ के उपद्रवियों ने जनता कर्फ्यू से ध्यान खींचने के लिए ऐसा किया हो। हालाँकि, इस सम्बन्ध में अभी तक कुछ भी पुष्टि नहीं हुई है।