3.20 km लंबा ‘कर्तव्य पथ’, 19 एकड़ में सरोवर, 4 लाख वर्ग मीटर हरियाली: ‘सेन्ट्रल विस्टा’ से बदला नजारा, सभी राज्यों के भोजन और उत्पाद भी बिकेंगे

सेंट्रल विस्टा (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

‘सेंट्रल विस्टा’ प्रोजेक्ट के एक हिस्से का काम लगभग पूरा हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज गुरुवार (8 सितंबर 2022) को शाम 7 बजे कर्तव्य पथ का उद्घाटन और इंडिया गेट पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों के मौजूद रहने की संभावना है।

ग्रेनाइट से बनी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की यह प्रतिमा 28 फुट ऊँची है। इसका कुल वजन 65 मीट्रिक टन है। बता दें कि 23 जनवरी को पराक्रम दिवस पर प्रधानमंत्री ने नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया था। अब वहाँ इस प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा।

राजपथ का ही नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ किया गया है। यह इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन को जोड़ता है। इस सड़क के दोनों तरफ लॉन को विकसित किया गया है। हरियाली के साथ-साथ पैदल चलने वालों के लिये 15.5 किलोमीटर लंबा लाल ग्रेनाइट पत्थरों से बना पैदल पथ इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगाता है।

गौरतलब है कि देश की स्वतंत्रता से पहले राजपथ को किंग्स वे और जनपथ को क्वींस वे के नाम से जाना जाता था। आजादी के बाद क्वींस वे का नाम बदलकर जनपथ और किंग्स वे का नाम बदलकर राजपथ कर दिया गया था। अब इसे बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया है।

करीब 3.20 किलोमीटर लंबे कर्तव्य पथ के बगल में करीब 19 एकड़ में सरोवर बना है। इसे पुनर्विकसित कर और भव्यता दी गई है। खूबसूरती और सहूलियत के लिए इस पर 16 पुल भी बनाए गए हैं। इसके अलावा यहाँ झरने भी विकसित किए गए हैं।

इसके साथ इस मार्ग के दोनों तरफ स्टॉल लगाने की व्यवस्था की गई है। यहाँ CPWD ने 5 वेडिंग जोन बनाए हैं और हर जोन के लिए 40 वेंडर तय किए गए हैं। यहाँ देश भर के विभिन्न राज्यों के पसंदीदा खाने से लेकर स्थानीय उत्पाद मिलेंगे।

यहाँ पार्किंग स्थल विकसित करने के साथ-साथ पैदल यात्रियों के लिए नए अंडरपास बनाए गए हैं। यहाँ 1,126 गाड़ियाँ पार्क की जा सकेंगी। वहीं, इंडिया गेट के पास पार्किंग में 35 बसें खड़ी हो सकेंगी। पूरे क्षेत्र में करीब 3.90 लाख वर्गमीटर में फैली हरियाली भी दर्शनीय है। शाम ढलने के बाद रौशनी में यहाँ का नजारा अद्भुत लगता है।

बता दें कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत भारत की नई संसद और उसके आसपास के इलाके के पुर्नविकास से संबंधित परियोजना को कहा गया है। इस प्रोजेक्ट में तमाम तरह की सुविधाओं और मॉर्डन इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जा रहा है। संसद भवन से लेकर इंडिया गेट का पूरा इलाका पुनर्विकसित करने के साथ-साथ नया संसद भवन, प्रधानमंत्री आवास, प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय सचिवालय बनाया जा रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया