जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में अब कोई भी खरीद सकेगा जमीन, नहीं छिनेगा बेटियों का हक़: मोदी सरकार का बड़ा फैसला

जम्मू कश्मीर में अब कोई भी ले सकेगा जमीन (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जम्मू-कश्मीर में अब देश का कोई भी व्यक्ति जमीन खरीद सकता है और वहाँ पर बस सकता है। गृह मंत्रालय द्वारा मंगलवार (अक्टूबर 27, 2020) को इसके तहत नया नोटिफिकेशन जारी किया गया है। हालाँकि, अभी खेती की जमीन को लेकर रोक जारी रहेगी।

https://twitter.com/ANI/status/1320993769324306432?ref_src=twsrc%5Etfw

केंद्र सरकार ने केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख के लिए भूमि कानून को मंगलवार को अधिसूचित कर दिया। सरकार के इस कदम के बाद भारत के नागिरक इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में अब जमीन खरीद सकेंगे। गृह मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस आदेश को यूनियन टेरिटरी ऑफ जम्मू एंड कश्मीर रिऑर्गनाइजेशन (एडॉप्शन ऑफ सेंट्रल लॉज) थर्ड ऑर्डर, 2020 के नाम से जाना जाएगा।

जम्मू-कश्मीर का संविधान और कानून समाप्त होने के बावजूद भूमि स्वामित्व अधिनियम संबंधी कानून में आवश्यक सुधार पर संशोधन की प्रक्रिया काे अंतिम रूप नहीं दिया गया था। अब केंद्रीय गृहसचिव ने इस संदर्भ में आवश्यक अधिसूचना जारी कर दी है। इस अधिसूचना के मुताबिक, देश के किसी भी भाग कोई भी नागरिक अब बिना किसी मुश्किल मकान-दुकान बनाने या काराेबार के लिए जमीन खरीद सकता है। इसके लिए उसे कोई डोमिसाइल या स्टेट सब्जैक्ट की औपचारिकता को पूरा करने की जरूरत नहीं है। डोमिसाइल की आवश्यक्ता सिर्फ कृषि भूमि की खरीद के लिए होगी।

बता दें कि केंद्र सरकार ने पाँच अगस्त 2019 के अपने ऐतिहासिक फैसले में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया। साथ ही इस राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित किया। अधिसूचना जारी होने के बाद यह कानून तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

31 अक्टूबर 2019 को जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बन गया था। अब केंद्र शासित प्रदेश होने के एक साल पूरे होने पर जमीन के कानून में बदलाव किया गया है। अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को विशेष अधिकार देता था। इस अनुच्छेद के चलते देश के किसी अन्य हिस्से में रहने वाला व्यक्ति यहाँ जमीन नहीं खरीद सकता था। यहाँ तक कि जम्मू-कश्मीर की लड़की यदि अन्य राज्य के किसी लड़के से शादी करती थी तो उसका अपनी पैतृक संपत्ति से अधिकार खत्म हो जाता था। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया