सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक के वैक्सीन को DCGI की मंजूरी: कोरोना के खिलाफ भारत में आई दोहरी खुशखबरी

पंजाब सरकार ने कोवैक्सिन को निजी अस्पतालों को बेचकर कमाया मुनाफा (प्रतीकात्मक चित्र)

भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SRI) और भारत बायोटेक द्वारा विकसित की गई कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। दोनों ही वैक्सीन को इमरजेंसी स्थिति में रिस्ट्रिक्टेड प्रयोग के लिए मंजूर किया गया। इसका अर्थ है कि आपात स्थिति में इन दोनों द्वारा निर्मित की गई कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी DCGI (Drug Controller General of India) ने दे दी है।

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रविवार (जनवरी 3, 2021) की सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के DCGI ने इसकी आधिकारिक घोषणा की। कोरोना महामारी के बाद लम्बे समय से जिस वैक्सीन का इंतजार किया जा रहा था, अब वो इंतजार ख़त्म हो गया है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसीत वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ‘कोविशील्ड’ नाम से भारत में उत्पादन कर रहा है। कोवैक्सीन को भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने विकसित किया है, जो स्वदेशी है। 

आज ही एक और अच्छी खबर आई। भारत ने कोरोना वायरस (COVID-19) के नए स्ट्रेन Sars-CoV-2 की पहचान कर के उसे आइसोलेट करने में सफलता पाई है। ये कोरोना वायरस का यूके वैरिएंट है, जो पहले वाले से कहीं ज्यादा खतरनाक है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने शनिवार (जनवरी 2, 2021) को जानकारी दी कि उसके लैब्स का देशव्यापी नेटवर्क नए किस्म के कोरोना वायरस को ट्रैक करने में तभी से लग गया था, जब इसके बारे में सूचना मिली थी।

बताते चलें कि अब ‘कोविशील्ड’ के बाद देश को पहला स्वदेशी टीका ‘कोवैक्सीन’ भी मिल गया है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की कोविड-19 पर बनी विशेषज्ञों की समिति ने शनिवार को ही भारत बायोटेक द्वारा विकसित इस टीके को भी आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी। ‘कोवैक्सीन’ पहली ऐसी कोविड-19 वैक्सीन है, जिसे ICMR के सहयोग से देश में ही विकसित किया गया है। इसे भारत बायोटेक ने विकसित किया है। इस वैक्सीन को भारत बायोटेक व NIV पुणे ने मिलकर तैयार किया है।

DGCI की आधिकारिक घोषणा के बाद पीएम मोदी ने देशवासियों को दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारत की इस उपलब्धि का स्वागत किया है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए देशवासियों को बधाई देते हुए लिखा कि ये एक दृढ़ लड़ाई के बीच सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट है। उन्होंने वैज्ञानिकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ की इस उपलब्धि से हर देशवासी को गर्व है। उन्होंने कई जानें बचाने के लिए कोरोना वॉरियर्स के प्रति आभार जताते हुए कहा कि ऐसी विषम परिस्थितियों में उत्कृष्ट कार्य प्रशंसनीय है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया