Wednesday, March 22, 2023
Homeविविध विषयविज्ञान और प्रौद्योगिकीकोरोना वायरस के नए और खतरनाक स्ट्रेन की पहचान कर उसे आइसोलेट करने वाला...

कोरोना वायरस के नए और खतरनाक स्ट्रेन की पहचान कर उसे आइसोलेट करने वाला पहला देश बना भारत

अब तक दुनिया का कोई भी देश कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन Sars-CoV-2 की पहचान कर के उसे सफलतापूर्वक आइसोलेट नहीं कर सका है। ये कोरोना वायरस का यूके वैरिएंट है, जो पहले वाले से कहीं ज्यादा खतरनाक है।

भारत ने कोरोना वायरस (COVID-19) के नए स्ट्रेन Sars-CoV-2 की पहचान कर के उसे आइसोलेट करने में सफलता पाई है। ये कोरोना वायरस का यूके वैरिएंट है, जो पहले वाले से कहीं ज्यादा खतरनाक है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने शनिवार (जनवरी 2, 2021) को जानकारी दी कि उसके लैब्स का देशव्यापी नेटवर्क नए किस्म के कोरोना वायरस को ट्रैक करने में तभी से लग गया था, जब इसके बारे में सूचना मिली थी।

ICMR ने बताया कि कोरोना वायरस के इस यूके वैरिएंट की उसके सारे बदलावों सहित पहचान कर ली गई है और उसे सफलतापूर्वक आइसोलेट कर दिया गया है। इसे पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संसथान (NIV) में आइसोलेट किया गया है। यूके से लौटे भारतीय मूल के लोगों के क्लिनिकल नमूनों को इकट्ठा कर के उसका अध्ययन किया गया और फिर ये सफलता मिली। इसे भारतीय वैज्ञानिकों की बड़ी सफलता माना जा रहा है।

अब तक दुनिया का कोई भी देश कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन Sars-CoV-2 की पहचान कर के उसे सफलतापूर्वक आइसोलेट नहीं कर सका है। इस हिसाब से भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाले पहला देश है। इस वायरस की पहचान के लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने ‘Vero Cell Lines’ का प्रयोग किया। विष्णु विज्ञान (Virology) में वेरो सेल लाइंस का बड़ा महत्व होता है और वायरस की पहचान के लिए इसका ही इस्तेमाल किया जाता है।

उधर भारत में अब कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार कम हो रहे हैं और देश अब ‘हर्ड इम्युनिटी’ की तरफ भी बढ़ रहा है। भारत में अब तक स्ट्रेन के 25 संक्रमित मिले हैं और सभी को सिंगल रूम आइसोलेशन में रखा गया है। विशेषज्ञों का भी कहना है कि नए स्ट्रेन को लेकर दूसरे के रिसर्चों पर निर्भर रहने की जगह भारत खुद अध्ययन कर के अपने डेटाबेस की छानबीन कर रहा है, जो अच्छी बात है।

बताते चलें कि अब ‘कोविशील्ड’ के बाद देश को पहला स्वदेशी टीका ‘कोवैक्सीन’ भी मिल गया है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की कोविड-19 पर बनी विशेषज्ञों की समिति ने शनिवार को ही भारत बायोटेक द्वारा विकसित इस टीके को भी आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी। ‘कोवैक्सीन’ पहली ऐसी कोविड-19 वैक्सीन है, जिसे ICMR के सहयोग से देश में ही विकसित किया गया है। इसे भारत बायोटेक ने विकसित किया है। इस वैक्सीन को भारत बायोटेक व NIV पुणे ने मिलकर तैयार किया है।

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कई हथियार, ₹70 लाख कैश, 5 गुर्गे गिरफ्तार: अतीक अहमद के दफ्तर की खुदाई में यूपी पुलिस को बड़ी सफलता, दीवार में छिपा कर...

अतीक के ठिकाने पर हुई छापेमारी में 5 गुर्गों को पकड़ा गया। उनकी निशानदेही पर 10 पिस्टल, तमंचे समेत गोलियाँ और लगभग 70-80 लाख रुपए कैश बरामद हुए।

बयान नहीं, कार्रवाई चाहिए… तिरंगे के अपमान के विरोध में लंदन में सड़क पर उतरा भारतीय समाज, अमेरिका में भी बोले सिख नेता –...

लंदन में खालिस्तानियों के खिलाफ भारतीय प्रवासी सड़क पर उतरे। दूसरी तरफ अमेरिका में भी सिख नेताओं ने भारतीय दूतावासों पर हमले की निंदा की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
250,517FollowersFollow
416,000SubscribersSubscribe