SC/ST-OBC को हिंदुओं से तोड़ो, साथ जोड़कर बनाओ इस्लामी राष्ट्र: ‘मिशन 2047’ के लिए भी ‘जय भीम-जय मीम’ को PFI ने बनाया हथियार

PFI की जय भीम-जय मीम रणनीति (प्रतीकात्मक चित्र, साभार: Bhim_army_india_boys_and_girls, इंस्टाग्राम)

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को लेकर लंबे समय से जो बातें कही जा रही थीं, वे पटना पुलिस की छापेमारी में बरामद हुए दस्तावेजों को देखने के बाद सच साबित हो रही हैं। PFI ना सिर्फ देश को इस्लामिक मुल्क बनाना चाहता है, बल्कि इसके लिए वह हिंदू समाज में हर तरह से दरार पैदा करने की कोशिश भी करने की साजिश पर काम कर रहा था।

आज भारत में ‘जय भीम, जय मीम’ को जो नारा मुस्लिम नेताओं द्वारा बोले जा रहे हैं, इसकी पूरी पोल-पट्टी ने PFI के कार्यालय या कहें कि ट्रेनिंग सेंटर से बरामद हुए दस्तावेजों ने खोलकर रख दी है।

‘इंडिया विज़न 2047’ नाम के दस्तावेज़ में पीएफआई ने ‘कायर हिंदुओं’ पर पूरी तरह से हावी होने के लिए जो रूप-रेखा बनाई है, उसमें ST/ST/OBC के मन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रति नफरत भरकर उन्हें अपनी तरफ मिलाना शामिल है।

दस्तावेज़ में कहा गया है, “हमें यह दिखाकर आरएसएस और एससी/एसटी/ओबीसी के बीच एक विभाजन पैदा करने की जरूरत है कि आरएसएस केवल उच्च जाति के हिंदुओं के हित की बात करने वाला संगठन है।”

पीएफआई का कहना है कि पार्टी (PFI) को एससी/एसटी/ओबीसी समुदाय के साथ घनिष्ठ गठबंधन बनाना चाहिए और चुनाव में कम-से-कम कुछ सीटें जीतनी चाहिए। PFI जो गठबंधन बनाना चाहता है, उसमें 50% मुस्लिमों की हिस्सेदारी और 10% एससी/एसटी/ओबीसी की हिस्सेदारी होगी।

PFI के बरामद दस्तावेज में कहा गया है, “पार्टी (PFI) को ‘राष्ट्रीय ध्वज’, ‘संविधान’ और ‘अंबेडकर’ जैसी अवधारणाओं का उपयोग इस्लामी शासन स्थापित करने के वास्तविक इरादे को ढाल के रूप में और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/ओबीसी तक पहुँचने के लिए करना चाहिए।”

पीएफआई एक विशुद्ध मुस्लिम पार्टी की आवश्यकता को आगे बढ़ाने के लिए सभी ‘धर्मनिरपेक्ष’ दलों को बदनाम करने की बात करता है। उसका कहना है कि इससे मुस्लिमों और एससी/एसटी/ओबीसी की जरूरतें पूरा होंगी।

PFI का मकसद साफ है कि इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए एससी/एसटी/ओबीसी का इस्तेमाल करना चाहिए। संगठन का कहना है कि 50% एससी/एसटी/ओबीसी का विश्वास भी हासिल करना चाहिए और उनके प्रतिनिधि के रूप में भी उभरना चाहिए। उसका मानना है कि अगर वह इस समर्थन को हासिल कर लेता है तो उसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता हथियाना काफी आसान होगा।

डॉक्यूमेंट आगे कहता है, “जब हमारे पास पर्याप्त प्रशिक्षित कैडर और हथियारों का भंडार हो जाएगा तो हम इस्लामी सिद्धांतों पर आधारित एक नए संविधान की घोषणा करेंगे। इस समय बाहरी ताकतें भी हमारी मदद के लिए आ जाएँगी। हमारे विरोधियों का व्यवस्थित और व्यापक रूप से सफाया होगा और इस्लामी गौरव की वापसी होगी।”

(बिहार के फुलवारी शरीफ में PFI के ट्रेनिंग सेंटर से बरामद ‘इंडिया विज़न 2047’ के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लिंक को क्लिक करें।)

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया