बच्चे पैदा करने में अल्लाह की क्या देन, 3 बीवी से भी 2 ही संतान हों: सीएम योगी को मिला अखाड़ा परिषद का साथ

महंत नरेंद्र गिरि (फ़ाइल फोटो:)

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा लाई जा रही नई जनसंख्या नीति का साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने समर्थन किया है। परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने जनसंख्या नियंत्रण बिल का स्वागत करते हुए मुस्लिम धर्मगुरुओं से सवाल किया है। उन्होंने कहा, ”आखिर बच्चा पैदा करने में अल्लाह की क्या देन है?” उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिम समाज में भले ही तीन महिलाओं से निकाह करने की छूट हो, लेकिन तीनों पत्नियों से 2 ही बच्चे पैदा करने की इजाजत मिलनी चाहिए।

महंत गिरि ने मुस्लिम धर्मगुरुओं से इस कानून को हृदय से स्वीकार करने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे कम बच्चे पैदा करने के लिए मुस्लिम लोगों को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि पत्नी भले ही तीन हों, लेकिन बच्चे दो ही हों।

देश में जनसंख्या विस्फोट पर चिंता जाहिर करते हुए महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, ”जनसंख्या विस्फोट देश और प्रदेश में कई प्रमुख समस्याओं का कारण है। इस पर तत्काल रोक लगाना जरूरी है।” उन्होंने कहा कि जनसंख्या कम से शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ बेहतर होंगी।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि सभी धर्मों के लोग मिलकर ही इस समस्या से निजात पा सकते हैं। जनसंख्या नियंत्रण में जाति और मजहब को बीच में ना लाते हुए सबको जनसंख्या नियंत्रण के लिए लाए जा रहे कानून का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नया कानून सबके लिए बाध्यकारी होना चाहिए।

उन्होंने विश्व जनसंख्या दिवस (11 जुलाई) पर कहा कि अगर दो के बाद कोई तीसरा बच्चा पैदा करता है तो उसके वोट दे ने के अधिकार को खत्म किया जाए, आधार कार्ड बनाने पर रोक लगाई जाए, चुनाव लड़ने के अधिकार से वंचित किया जाए। साथ ही उसे सरकार की तमाम योजनाओं के लाभ भी ना दिए जाएँ। महंत गिरि ने कहा कि तभी इस कानून का सही मायने में सख्ती से पालन हो सकता है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का मसौदा तैयार किया है। राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस आदित्यनाथ मित्तल ने इसे तैयार किया है। आयोग ने ड्राफ्ट पर 19 जुलाई तक जनता से उनकी राय माँगी है। इस बिल के कानून बनते ही यूपी में भविष्य में जिनके 2 से ज्यादा बच्चे होंगे, उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी और वो कभी चुनाव भी नहीं लड़ पाएँगे। इसके अलावा उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया