दरभंगा बम ब्लास्ट में ‘हनीट्रैप’ एंगल: पाकिस्तानी महिला फातिमा से लंबी बातचीत करता था सलीम, कॉल रिकॉर्ड से खुलासा

पाकिस्तान की 'हसीना' के प्रेम जाल में फँसा था सलीम उर्फ़ टुइया (फोटो साभार: अमर उजाला)

ये तो पहले ही सामने आ चुका है कि बिहार के दरभंगा स्थित रेलवे जंक्शन पर हुए बम ब्लास्ट के पीछे पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI का हाथ है और इसके लिए करोड़ों रुपए की फंडिंग भी की गई थी। अब इस पूरे प्रकरण में पाकिस्तान की एक महिला का नाम सामने आ रहा है, जिसकी आरोपित सलीम उर्फ़ टुइया से लंबी बातचीत होती थी। सलीम और कासिम ने पूछताछ में इस बात का खुलासा किया है।

साथ ही दोनों के मोबाइल फोन से भी उक्त पाकिस्तानी युवती के नंबर मिले हैं। NIA की टीम दोनों को अपने साथ ले गई है। आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्तानी युवती ने हनीट्रैप के माध्यम से इन दोनों का ISI से संपर्क कराया। सलीम की उक्त पाकिस्तानी महिला से लंबी बातचीत होती थी। उक्त महिला का नाम फातिमा है, जिससे कासिम भी बात करता था। ‘अमर उजाला’ की खबर के अनुसार, दोनों के मोबाइल के कॉल रिकार्ड्स चेक करने पर पता चला कि बातचीत काफी लंबी होती थी।

इससे पहले भी पाकिस्तान की तरफ से कई हनीट्रैप के मामले सामने आ चुके हैं, जहाँ सेना के जवानों या फिर किसी संवेदनशील सूचना के लिए भारतीय नागरिकों को फँसाने की कोशिश की जाती है। हो सकता है कि इसी तरीके से सलीम और कासिम को भी उन्होंने अपने गैंग में शामिल किया हो। कैराना में कई ऐसे मुस्लिम हैं, जिनकी रिश्तेदारी पाकिस्तान में है। कैराना के ही इक़बाल उर्फ़ काना ने पाकिस्तान से नकली नोटों का कारोबार खड़ा किया था।

बिहार के दरभंगा में हुआ था बम ब्लास्ट

एजेंसियाँ इसकी भी जाँच कर रही है कि रिश्तेदारी की आड़ में कौन-कौन लोग इस तरह के धंधे चला रहे हैं। पूछताछ में कुछ सुराग हाथ लगे हैं, जिन्हें संभवतः गोपनीय ही रखा जा रहा है। उधर दरभंगा में शनिवार (जून 26, 2021) को फिर से हंगामा मच गया जब एक पार्सल में कुछ इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स पड़े हुए मिले। तुरंत बम डिस्पोज़ल यूनिट को लगाया गया। बाद में पता चला कि वो किसी दुकानदार का पार्सल था और ब्लूटूथ स्पीकर के गिरने से आवाज आई थी, जो उन आइटम्स में शामिल था।

NIA की 6 सदस्यीय टीम मामले की जाँच के लिए बिहार पहुँची है। कपड़े की गाँठ में ही रह जाने के कारण इस केमिकल बम का उतना बड़ा असर नहीं हुआ था। पार्सल बुक करने वाले नंबर से जिस नंबर की बात हो रही थी, वो भी दरभंगा रेलवे स्टेशन पर सक्रिय था। फ़िलहाल ये नंबर नेपाल से सटे इलाकों में सक्रिय आ रहा है। जल्द ही इस मामले में कई अन्य आतंकियों की गिरफ्तारी हो सकती है, जिससे सारे राज़ खुल सकेंगे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया