मैंने ना तो माफी माँगी है और न ही ट्वीट डिलीट किया है: हिंदुओं को अरब की धौंस दिखाने वाले जफरुल इस्लाम

जफरुल इस्लाम (फाइल फोटो)

अरब के मजहब विशेष के नाम पर हिन्दुओं को धमकी देने वाले दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार में माइनॉरिटी कमीशन (दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग) के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम ख़ान ने कहा है कि उन्होंने न तो अपना ट्वीट डिलीट किया है और न ही इसके लिए माफी माँगी है। उन्होंने कहा है कि अपनी बात पर अब भी कायम हैं।

जफरुल इस्लाम का बयान

जफरुल इस्लाम ने कहा, “कुछ मीडिया हाउस ने इस तरह से रिपोर्ट किया कि मैंने अपने ट्वीट के लिए माफी माँगी और उसे डिलीट कर दिया है। मैंने अपने ट्वीट के लिए माफी नहीं माँगी है और न ही उसे डिलीट किया है। मैंने ट्वीट के लिए नहीं बल्कि मेडिकल इमरजेंसी के समय ट्वीट करने के लिए खेद जताया था। वो ट्वीट अभी भी मेरे ट्विटर और फेसबुक अकाउंट पर उपलब्ध हैं। 1 मई 2020 को अपने बयान में मैंने कहा था कि मैं अभी भी अपने विचार के साथ पूरी दृढ़ता के साथ खड़ा हूँ। मैं आगे भी देश में घृणित राजनीति के खिलाफ लड़ता रहूँगा। FIR, गिरफ्तारी या फिर जेल भी मुझे अपने रास्ते पर जाने से नहीं रोक सकती, जो रास्ता मैंने अपने देश को, अपने लोगों को भारतीय सेकुलर हुकूमत को और संविधान को बचाने के लिए अपनाए हैं।” 

बता दें कि 28 अप्रैल को जफरुल इस्लाम ने ट्वीट कर कहा था कि कट्टर हिन्दुओं को शुक्र मनाना चाहिए कि भारत में रह रहे दूसरे मजहब के लोगों ने अरब जगत से कट्टर हिन्दुओं द्वारा हो रहे ‘घृणा के दुष्प्रचार, लिंचिंग और दंगों’ को लेकर कोई शिकायत नहीं की है और जिस दिन ऐसा हो जाएगा, उस दिन अरब के लोग एक आँधी लेकर आएँगे, एक तूफ़ान खड़ा कर देंगे। इस पर माफी की बात आई थी लेकिन अभी उन्होंने इनकार कर दिया है। बता दें कि इस्लाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने देशद्रोह का केस दर्ज किया है।

खान ने पोस्ट में शाह वलीहुल्ला देहलवी, अबू हस्सान नदवी, बहुदुद्दीन खान और ज़ाकिर नाइक को हीरो की तरह पेश किया था। बता दें कि मलेशिया में रह रहे इस्लामी प्रचारक ज़ाकिर नाइक को वापस लाने के लिए भारत सरकार प्रयत्न कर रही है और उसके ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर आतंकियों को भड़काने तक के आरोप हैं।

इसके बाद कुछ मीडिया हाउस ने बताया कि जफरुल इस्लाम ने अपने इस बयान के लिए माफी माँगी है। जिसमें कहा गया कि इस्लाम ने कहा, “28 अप्रैल, 2020 को मेरे द्वारा जारी किए गए ट्वीट में उत्तर-पूर्वी जिले की हिंसा के संदर्भ में कुवैत को भारतीय समुदाय विशेष के उत्पीड़न पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद दिया गया, कुछ लोगों को इससे पीड़ा हुई, जो कभी भी मेरा उद्देश्य नहीं था। मुझे महसूस हुआ कि जिस समय पूरा देश मेडिकल इमरजेंसी का सामना कर रहा है, उस समय मेरा ये ट्वीट असंवेदनशील था, मैं उन सभी से माफी माँगता हूँ, जिनकी भावनाएँ आहत हुईं।” 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया