दोस्तों के साथ ग्रुप में होता तो साहिल पहनता था कलावा, साक्षी की हत्या के समय नहीं पहना था: देखें CCTV वीडियो और सोशल मीडिया से क्या पता चला

साक्षी की हत्या के बाद साहिल ने पहना कलावा?

राजधानी दिल्ली के शाहबाद डेयरी इलाके में रविवार (28 मई, 2023) की रात साक्षी नाम की एक नाबालिग लड़की की बेरहमी से हत्या कर दी गई। कातिल कोई और नहीं साक्षी का दोस्त साहिल था। हत्या की घटना पास के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। इसमें देखा जा सकता है कि साहिल ने साक्षी पर 20 से ज्यादा बार चाकू से हमला किया। उसके बाद कई बार पत्थर से उसे कुचलता रहा। साक्षी के परिजनों का कहना था कि चाकू के हमले से जख्मी साक्षी की आँतें बाहर आ गई थीं। शुरुआती पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि उसकी खोपड़ी फट चुकी थी।

दिल्ली पुलिस ने आरोपित साहिल को यूपी के बुलंदशहर से गिरफ्तार कर लिया। उसकी गिरफ्तारी की तस्वीरें भी वायरल हुईं। न्यूज़ एजेंसी ANI द्वारा जारी तस्वीरों में देखा जा सकता है कि साहिल की कलाई पर कलावा (रक्षा सूत्र) बंधा हुआ है। रिपोर्टों के अनुसार, साक्षी और साहिल के बीच दोस्ती थी और हत्या से एक दिन पहले दोनों के बीच कहासुनी भी हुई थी। रविवार की रात साक्षी अपनी एक दोस्त के बेटे की जन्मदिन की पार्टी में जा रही थी।

साहिल ने उसका रास्ता रोका और चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। वह साक्षी पर तब तक चाकू चलाता रहा जब तक वह अचेत हो कर गिर नहीं गई। इसके बाद उसने पास रखे पत्थर से उसके सर पर कई बार हमले किए। जिससे साक्षी की खोपड़ी फट गई।

साक्षी की हत्या के बाद कई बड़े खुलासे हुए। उनमें से एक बड़ा खुलासा साक्षी की दोस्त ने किया। उसने बाताया कि वह साहिल को हिंदू समझती थी। न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने हत्या से ठीक पहले का एक दूसरा सीसीटीवी फुटेज भी जारी किया है। इसमें हत्यारा साहिल किसी से हाथ लहराते हुए बात करता नजर आ रहा है। दोस्त से बातचीत के बाद वह यहाँ से चला जाता है।

इस वीडियो को गौर से देखने पर पता चलता है कि साहिल ने हत्या से पहले हाथ में कलावा नहीं पहना हुआ था। यहाँ वीडियो के कुछ स्क्रीनशॉट्स हैं (यह एक स्लाइड शो है, कृपया सभी तस्वीरों को देखने के लिए आगे क्लिक करें)।

रात का दृश्य होने की वजह से सीसीटीवी फुटेज ज्यादा साफ तो नहीं हैं, लेकिन वीडियो को गौर से देखने और लिए गए स्क्रीनशॉट्स के आधार पर यह कहा जा सकता है कि साक्षी की हत्या से पहले साहिल ने कलावा नहीं बाँधा हुआ था। ANI द्वारा जारी दोनों वीडियो के टाइमस्टैम्प से यह साफ है कि हत्या से पहले जारी वीडियो और हत्या में 1 मिनट से भी कम का फासला है। इतने कम समय में साहिल का कलावा पहनकर आना और फिर साक्षी पर हत्या के इरादे से टूट पड़ना कम संभव है।

एक तरफ सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि हत्या के समय साहिल ने कलावा नहीं पहना हुआ है। दूसरी तरफ गिरफ्तारी के बाद साहिल की तस्वीर देखें तो उसके एक हाथ पर कलावा बँधा हुआ नजर आता है। साहिल को हत्या के अगले दिन (29 मई) को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी से पहले तक उसके पास कलावा बाँधने का पर्याप्त समय था।

इन सबके बीच तर्क दिया जा रहा है कि साहिल हमेशा कलावा पहनता है और साक्षी की हत्या से पहले इसे हटा दिया था। क्या साहिल हमेशा कलावा बाँधे रहता है, इस बात की पुष्टि के लिए हमने साहिल के इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर अपलोड की गई तस्वीरों और रील्स की जाँच की। हमें 2-3 तस्वीरें मिलीं जिसमें उसने कलावा पहना हुआ था। ज्यादातर वीडियो या तस्वीरों में उसने कलावा नहीं पहना हुआ था।

पोस्ट की गई तस्वीरों से पता चलता है कि साहिल कभी-कभार ही कलावा पहना करता था ज्यादातर तब जब वह अपने दोस्तों के ग्रुप में होता था। इससे कई सवाल पैदा होते हैं।

इंस्टाग्राम से ली गई साहिल की तस्वीर

सबसे बड़ा सवाल यह कि आखिर साक्षी की हत्या के बाद उसे कलावा बाँधने की क्या जरूरत पड़ गई?

संभव है कि वह अपनी पहचान छुपाकर पुलिस से बचने की कोशिश कर रहा था। उसे पता था कि साक्षी की हत्या के बाद उसकी पहचान हो जाएगी। साहिल के परिजनों तक पुलिस पहुँचेगी और पुलिस को पता चल जाएगा कि हत्यारा एक मुस्लिम है जिसका नाम साहिल सरफराज है। साहिल को ऐसा लगा होगा कि कलावा पहनने से उसकी मुस्लिम पहचान छिप जाएगी और वह गिरफ्तारी से बच जाएगा।

हालाँकि अब भी यह स्पष्ट नहीं होता कि पहले वह कलावा क्यों बाँधता था। जैसा कि उसकी इंस्टाग्राम तस्वीरों से पता चलता है। यहाँ हमें ध्यान रखना होगा कि साक्षी की एक दोस्त ने यह कहा है कि वह साहिल को हिंदू समझती थी। हो सकता है साहिल साक्षी या अन्य दोस्तों के बीच जाने से पहले कलावा बाँधता हो ताकि उसके हिंदू होने पर किसी को संदेह न हो। देश में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिसमें मुस्लिमों ने अपनी पहचान छुपाकर हिंदू लड़कियों को लव जिहाद का शिकार बनाया है। साक्षी की दोस्त के बयान के बाद इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

ऑपइंडिया की टीम ने साहिल के इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर अपलोड एक वीडियो का पता लगाया है। इसमें वॉयसओवर के साथ एक बंदूक लिए हुए शख्स यह कहते हुए दिखाया गया है कि इस्लाम में अल्लाह के अलावा किसी और से डरना शिर्क (गुनाह) माना जाता है। इससे यह साबित होता है कि साहिल मजहब-ए-इस्लाम को ही मानता था।

इन तस्वीरों और वीडियो के जरिए अटकलबाजी की जा सकती है। सच्चाई पूरी जाँच के बाद ही सामने आ सकती है। बता दें कि साहिल ने साक्षी की हत्या से 15 दिन पहले ही हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू खरीदा था। पुलिस को अंदेशा है कि साक्षी की हत्या पूर्व नियोजित साजिश के तहत की गई है। मामले की जाँच लव जिहाद के एंगल से भी की जा रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया