मौलवी इलियास ने शिवलिंग को बताया पुरुषों के गुप्तांग जैसा, कहा- लिंग और योनि की पूजा कर देश को बर्बाद कर रहे हिंदू

इलियास शराफुद्दीन ने शिवलिंग की तुलना पुरुषों के गुप्तांग से की

वाराणसी में विवादित ज्ञानवापी ढाँचे (Disputed Gyanvapi Structure) के अंदर शिवलिंग मिलने के बाद से विवाद जारी है। इसी बीच विवादित छवि वाले इस्लामिक स्कॉलर इलियास शराफुद्दीन ने विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने शिवलिंग की तुलना पुरुषों के गुप्तांग से की है। इलियास शराफुद्दीन ने जी न्यूज के ‘ताल ठोक के’ शो में बहस के दौरान कहा, “हिंदुओं को मूर्तियों और पुरुषों के गुप्तांग की पूजा करने की आदत है।”

ज्ञानवापी सर्वेक्षण के वीडियो में शिवलिंग दिखाई देने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने वेदों, गीता और उपनिषदों का हवाला दिया। शराफुद्दीन ने तर्क दिया कि हिंदू ग्रंथों में उल्लेख किया गया है, “जो लोग मूर्तियों की पूजा करेंगे, उन्हें नरक में भेजा जाएगा। इसलिए हिंदुओं को मूर्ति, लिंग और पुरुषों के गुप्तांगों की पूजा नहीं करनी चाहिए।” शो में अन्य लोगों के तर्कों को अनसुना कर​ वह जोर से हँसे और कहा, “प्राइवेट पार्ट की पूजा नहीं होनी चाहिए।”

महंत योगेश पुरी ने शिवलिंग और हिंदू धर्म के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए मौलवी को शो के बीच में फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि शराफुद्दीन की टिप्पणी से हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँची है। महंत पुरी ने बहस के दौरान मौलवी से महंत ने कहा, “आपको शिवलिंग के बारे में कुछ भी कहने का कोई अधिकार नहीं है। इसके बारे में आप क्या जानते हैं? शिवलिंग पुरुष के गुप्तांग के समान नहीं है। इसका आपकी घटिया मानसिकता से कुछ भी लेना-देना नहीं है।” इसके बाद भी मौलवी हँसता रहा और कहा, “हिंदुओं को मानव अंगों की पूजा करना बंद कर देना चाहिए।” शो में अपने कुतर्कों को सही ठ​हराते हुए शराफुद्दीन ने आसाराम बापू का उदाहरण देते हुए कहा कि आसाराम बापू जैसे कितने लोगों ने आश्रम में कई महिलाओं के साथ बलात्कार किया है। इसके बाद इस्लामिक स्कॉलर ने कर्नाटक के उडुपी में हिजाब पहनने वाली लड़कियों प्रशंसा करते हुए ‘हिजाब लाओ, बेटी बचाओ’ का नारा लगाया।

यही नहीं शराफुद्दीन ने हिंदू देवी देवताओं की पूजा करने वाले हिंदुओं को ‘बुद्धिहीन, अक्ल के अंधे’ कहा। उसने इस बार शिवलिंग की तुलना पत्थर से करते हुए कहा, “हिंदू लिंग और योनि की पूजा करके देश को बर्बाद कर रहे हैं।” उन्होंने इस दौरान अन्य पैनलिस्ट को गाली भी दी, जिसके बाद चैनल को उन्हें शो के बीच से ही हटाना पड़ा। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इलियास शराफुद्दीन की विवादास्पद टिप्पणी की निंदा की करते हुए शो में पूछा क्या अब मौलवी के खिलाफ फतवा जारी किया जाएगा? हिंदू धर्म के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों और हिंदू प्रथा का मजाक उड़ाने वाले शराफुद्दीन को नेटिज़न्स ने भी सोशल मीडिया पर आड़े हाथों लिया।

रणवीर राठौर नाम के एक यूजर ने 31 मई को ट्विटर पर कहा कि इलियास शराफुद्दीन द्वारा लाइव शो में आपत्तिजनक टिप्पणी की गई। उसने कहा कि हिन्दू मूर्ति पूजा, योनि की पूजा करते हैं। राष्ट्रीय प्रवक्ता ने इसका कड़ा विरोध दर्ज कराया और मौलाना से पूछा कि ऐसे लोगों पर फतवा जारी होगा क्या?

गौरलतब है कि इससे पहले भी ये इस्लामिक बुद्धिजीवी कोरोना को चीन में जारी उइगर मुस्लिमों के उत्पीड़न से जोड़ चुका है। इलियास शराफुद्दीन ने मार्च 2020 में कहा था कि उइगर मुस्लिमों से क्रूरता करने के कारण अल्लाह ने चीन पर इस वायरस का कहर बरपाया है और इन लोगों को दंडित किया है। एक वायरल ऑडियो में धर्मगुरु को कहते सुना गया था, “याद करो कैसे उन्होंने मुस्लिमों को धमकी दी थी और दो करोड़ मुस्लिमों की जिंदगी बर्बाद करने की कोशिश की। मुस्लिमों को शराब पीने के लिए मजबूर किया गया, उनकी मस्जिदों को तोड़ दिया गया और उनकी पवित्र पुस्तकों को जला दिया गया।” उन्होंने कहा था कि चीन ने सोचा कि कोई भी उन्हें चुनौती नहीं दे सकता, लेकिन अल्लाह सबसे शक्तिशाली है, अल्लाह ने चीन को सजा दी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया