17 साल की अंकिता को जिंदा जलाने वाले शाहरुख-नईम को उम्रकैद, NCPCR अध्यक्ष बोले- राजधर्म निभाए झारखंड सरकार, मौत की सजा के लिए करे अपील

नईम (बाएँ) और शाहरुख (दाएँ) (चित्र साभार :News18 & Sanatan Prabhat)

झारखंड के दुमका में हिन्दू बालिका अंकिता को पेट्रोल डाल कर जला देने वाले शाहरुख और नईम को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोनों पर ₹25000 का जुर्माना भी लगाया है। इन दोनों ने मिलकर अगस्त 2022 में 17 वर्षीय हिन्दू बालिका अंकिता को सोते समय पेट्रोल डाल जला दिया था।

अंकिता के हत्यारों को यह सजा जिला अदालत ने सुनाई है। दुमका के जिला एवं अपर सत्र सह विशेष न्यायाधीश POCSO रमेश चंद्रा की ने शाहरुख और नईम उर्फ़ छोटू को सजा सुनाने के साथ ही उन पर ₹25000 का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना ना देने की दशा में इन दोनों को एक वर्ष की सजा अतिरिक्त काटनी होगी।

इस मामले में कोर्ट में सुनवाई के दौरान 51 गवाहों ने घटना का विवरण दिया था। दोनों आरोपितों को कोर्ट में पेश होने के लिए नहीं लाया गया था बल्कि उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया। मामले में दोनों को सेंट्रल जेल में बंद किया गया है। शाहरुख और नईम को धारा 302 और 120बी के तहत यह सजा सुनाई गई है।

इस मामले में पर देश के बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के मुखिया प्रियंक कानूनगो ने कहा, “इन अपराधियों के समर्थन में बांग्लादेश के कट्टर इस्लामिक संगठनों ने सोशल मीडिया कैंपेन चलाया था। आयोग द्वारा इस मामले की जाँच रिपोर्ट में इन अपराधियों के अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिया होने का संदेह व्यक्त किया गया था, दुर्भाग्य से राज्य सरकार ने इस मामले में कोई पुख़्ता जाँच नहीं की और ना ही न्यायालय को इस तथ्य से अवगत करवाया।” उन्होंने कहा कि सरकार को राजधर्म निभाते हुए इनके खिलाफ हाईकोर्ट में मृत्युदंड के लिए अपील करे।

नईम और शाहरुख को इस मामले में 19 मार्च, 2024 को दोषी ठहराया गया था। इस मामले की एसपी की अध्यक्षता में गठित 12 सदस्यीय एसआइटी ने जाँच की थी। इसके बाद केस में 112 पेज की चार्जशीट दाखिल हुई थी और बाद में चार्ज फ्रेम करके गवाहों के बयान लिए गए थे। करीबन डेढ़ साल की लंबी बहस के बाद 19 मार्च 2024 को इस मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई और आखिरकार शाहरुख-नईम दोषी ठहराए गए

हिंदू लड़की को शाहरुख ने सोते में जलाया

बता दें कि झारखंड के दुमका में हिंदू लड़की के ऊपर हमला 23 अगस्त 2022 की सुबह हुआ था। खुद लड़की ने गंभीर अवस्था में पुलिस को अपने साथ घटित घटना की सारी जानकारी दी थी। इस दौरान उसने अपने ऊपर बनाए जा हे धर्मांतरण के दबाव का खुलासा भी किया था। उसने बताया था कि बगल वाला शाहरुख उसे आए दिन तंग करता था। उसे दोस्ती के लिए कहता था। लेकिन लड़की ने जब बात नहीं मानी, उसे डाँटा, तो उसने उसे जान से मारने की धमकी दी।

लड़की ने हमले से एक दिन पहले शाहरुख की शिकायत अपने पिता से भी की थी। इसके बाद वो सोने चली गई थी। लेकिन अगली सुबह जब उसकी आँख खुली तो उसकी पीठ जल रही थी। शाहरुख खिड़की से उसके ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगाकर चला गया था। लड़की फौरन भागते हुए अपने पिता के पास गई थी लेकिन आग इतनी ज्यादा लग गई थी कि बड़ी मुश्किल से उसे बुझाया गया।

उसे अस्पताल लेकर पहुँचे तो पता चला कि वो 90 फीसदी जल चुकी थी। वो डॉक्टरों से पूछ रही थी कि उसे बता दिया जाए कि वो बचेगी या नहीं। डॉक्टर अपनी पूरी कोशिश कर रहे थे, घरवाले भी उम्मीद में थे शायद उनकी बच्ची बच जाए लेकिन शरीर ज्यादा जल जाने की वजह से वो रिकवर नहीं हो पाई और उसका देहांत हो गया। जाते-जाते उसकी बस यही इच्छा थी कि उसे इंसाफ मिले। लड़की ने रोते हुए कहा था– “जिस तरह मैं मर रही हूँ वैसी ही मौत वो भी मरे।”

इस बीच पुलिस ने शाहरुख को अरेस्ट किया। लेकिन उसके चेहरे पर न डर था और न ही कोई मलाल। उलटा वो हँस रहा था और सीना चौड़ा करके मूँछों पर ताव देकर चल रहा था। वहीं नईम के बारे में पता चला था कि उसने हिंदू लड़की को लेकर ये कहा था कि अगर वो बात नहीं करती है तो उसके साथ यही होना चाहिए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया