कमलनाथ का ‘घोटालेबाज’ भांजा: अमेरिका के नाइटक्लब में एक ही रात में फूँके ₹8 करोड़

कमलनाथ के भांजे ने एक ही रात में फूँक डाले करीब 8 करोड़ रुपए (साभार: भोपाल सामाचार)

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मोजर बेयर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस नेता कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में आरोप-पत्र दाखिल किया है। इसके मुताबिक रतुल पुरी ने अमेरिका के एक नाइटक्लब में एक ही रात में 1.1 मिलियन डॉलर यानी करीब 7.8 करोड़ रुपए फूँक दिए थे।

बता दें कि चार्जशीट में रतुल पुरी के अलावा उनके सहयोगी और मोजर बेयर इंडिया (प्राइवेट) लिमिटेड (MBIL) का भी नाम शामिल है। पुरी मोजर बेयर के कार्यकारी निदेशक हैं। ईडी ने चार्जशीट में कहा है, “लेनदेन का सत्यापन किया गया और यह पता चला कि लेनदेन के पैसे का इस्तेमाल भारत और विदेशों के तमाम महँगे होटलों में ऐशो-आराम पर खर्च किए गए। प्रोवोकेटर नाम के एक नाइट क्लब में रतुल पुरी ने एक रात में 11,43,980 डॉलर खर्च कर डाले।”

एजेंसी ने यह भी दावा किया है कि नवंबर 2011 और अक्टूबर 2016 के बीच पुरी का निजी खर्च 4.5 मिलियन डॉलर यानी 32 करोड़ रुपए रहा है। चार्जशीट में आकलन किया गया है कि पुरी ने लगभग 8,000 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग की है, जो शुरुआती अनुमान से काफी ज्यादा है।

ईडी का कहना है कि MBIL ने बैंकों से लिए गए लोन को आसानी से खत्म करने के लिए कंपनियों का एक बेहद ही पेचीदा ढाँचा तैयार किया था। ईडी ने अपनी जाँच में ‘शेल कंपनियों’ के जाल पर विशेष गौर फरमाया है, जिनके जरिए हवाला का सारा खेल रचा गया। चार्जशीट में दर्जनों सहयोगी कंपनियों का जिक्र है, जिनके मार्फत फंड को डायवर्ट किया गया।

ईडी ने रतुल पुरी को 20 अगस्त को गिरफ्तार किया था। उसे 17 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। ईडी के अलावा सीबीआई और आयकर विभाग भी रतुल पुरी और उसकी मोजर बेयर कंपनी के खिलाफ जाँच कर रही है। रतुल पुरी अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी चॉपर घोटाले में भी आरोपित है। उसकी अग्रिम जमानत खारिज कर दी गई थी। इसके साथ ही ईडी ने पुरी पर अगस्ता वेस्टलैंड मनी लॉन्ड्रिंग मामले के एक गवाह की हत्या का भी आरोप लगाया है।

सीबीआई ने रतुल पुरी, उसके पिता दीपक पुरी, माँ नीता और अन्य के खिलाफ 354 करोड़ रुपए के बैंक धोखाधड़ी के मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने इन लोगों के खिलाफ शिकायत की थी। ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर मामला दर्ज किया। बैंक ने दावा किया था कि कंपनी और इसके निदेशकों ने जाली दस्तावेज सौंप कर बैंक को चूना लगाया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया