‘फेक TRP स्कैम’ के बीच BARC का बड़ा फैसला: न्यूज चैनलों के रेटिंग पर 12 हफ्ते तक रोक, होगी समीक्षा

टीआरपी घोटाले पर BARC का बड़ा फैसला (साभार: दैनिक जागरण )

TRP को लेकर एजेंसी ब्रॉडकास्‍ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल BARC ने बड़ा फैसला लिया है। BARC ने कहा कि अगले 12 हफ्ते तक न्यूज चैनलों की टीआरपी नहीं आएगी। टीआरपी से छेड़छाड़ का मामला फिलहाल अदालत में है। BARC ने कहा है कि वह फेक रेटिंग के दावों के बीच अपने सिस्टम की फिर से समीक्षा करेगी। इस दौरान BARC चैनलों की इंडिविजुअल रेटिंग भी जारी नहीं करेगा।

रिपोर्ट के अनुसार, टेलीविजन चैनलों की व्यूअरसिप यानी टीआरपी से जुड़े आँकड़े जारी करने वाली संस्था (BARC) ने 8-12 हफ्ते तक न्यूज चैनलों की टीआरपी नहीं जारी करने का फैसला किया है। BARC फिलहाल टेक्निकल कमेटी रेटिंग नापने के तरीके का रिव्यू करेगी और उसके बाद रेटिंग में हो रही गड़बड़ी को ठीक किया जाएगा। BARC ने कहा है कि रिव्यू के लिए उसे 8-12 हफ्ते का समय लगेगा। रिव्यू के बाद BARC फिर से टेलीविजन न्यूज चैनलों की रेटिंग जारी करेगा।

देश के निजी न्यूज चैनलों के संगठन (NBA) ने BARC के इस कदम का स्वागत किया है। NBA ने BARC के इस कदम को सही दिशा में उठाया गया आवश्यक कदम बताया है। NBA ने कहा है कि BARC इन 12 हफ्तों का इस्तेमाल अपने सिस्टम को ठीक करने के लिए करे। NBA के चेयरमैन रजत शर्मा ने BARC के इस कदम को एक साहसी फैसला बताया है। हालाँकि, NBA अध्‍यक्ष रजत शर्मा ने यह भी कहा कि BARC को महत्‍वपूर्ण फैसले करते वक्‍त उससे सलाह लेनी चाहिए।

यह कवायद हिंदी, अंग्रेजी और बिजनस समाचार चैनलों पर तत्‍काल रूप से लागू की जाएगी। इसमें 8 से 12 हफ्तों का समय लग सकता है। बता दें कि बार्क ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) टेलीविजन रेटिंग बताने वाली एक एजेंसी है। यह दुनिया का सबसे बड़ा टेलीविजन मेजरमेंट निकाय है। BARC India साल 2010 में शुरू हुआ था। इसका हेड ऑफिस मुंबई में ही है।

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते मुंबई पुलिस कमिश्नर (सीपी) परमबीर सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके दावा किया था कि विज्ञापनों से बेहतर राजस्व जुटाने के लिए रिपब्लिक टीवी, बॉक्स सिनेमा और फक्त मराठी चैनलों ने टीआरपी के साथ छेड़छाड़ की थी। हालाँकि, रिपब्लिक टीवी ने उनके दावे को पूरी तरह खारिज किया है।

अर्नब गोस्वामी ने आरोपों को फर्जी बताते हुए कहा था, “मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने रिपब्लिक टीवी पर झूठे आरोप लगाए हैं क्योंकि हमने उनसे सुशांत सिंह राजपूत मामले की जाँच से जुड़े कई सवाल किए थे। रिपब्लिक टीवी मुंबई पुलिस कमिश्नर पर आपराधिक मानहानि का दावा करेगी। BARC ने ऐसी एक भी रिपोर्ट जारी नहीं की है जिसमें रिपब्लिक टीवी का नाम शामिल हो। सुशांत सिंह राजपूत मामले में परमबीर सिंह द्वारा की जाँच पर खुद शक के बादल मंडरा रहे हैं।”

वहीं फर्जी व्यूअरशिप को लेकर BARC ने इंडिया टुडे को 5 लाख रुपए का फाइन भरने को कहा गया था, क्योंकि उन्होंने अपनी व्यूअरशिप बढ़ने के पीछे जो स्पष्टीकरण BARC Disciplinary Council (BDC) को सौंपा, वह उन्हें संतोषजनक नहीं लगा। इस एक्सक्लुसिव जानकारी को लेकर ऑपइंडिया ने पहले भी एक रिपोर्ट प्रसारित की थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया