फ्री कश्मीर फ्रॉम इस्लामिक टेररिज़्म: कश्मीरी पंडित ने 15 देशों के राजनयिकों को दिखाई ‘हकीकत’

जम्मू में 'फ्री कश्मीर फ्रॉम इस्लामिक टेररिज्म'के पोस्टर लहराते कश्मीरी पंडित (साभार-आज तक)

आपने अक्सर कश्मीर में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारे लगाते हुए, कभी सेना पर पत्थरबाजी होते हुए तो कभी प्रदर्शनकारियों द्वारा आईएसआई के समर्थन में झण्डा या पोस्टर को लहराते हुए देखा होगा। लेकिन शुक्रवार को जम्मू से एक ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसे हर एक देशभक्त अपनी आँखों से देखना चाहता है। इसमें दो कश्मीरी पंडित हाथों में एक पोस्टर लहराते हुए देखे गए। कश्मीरी पंडितों के हाथों में लगे इस पोस्टर पर लिखा हुआ था ‘फ्री कश्मीर फ्रॉम इस्लामिक टेररिज़्म’। यह तस्वीर ऐसे समय में सामने आई, जब कश्मीर की हालातों को जायजा लेने के लिए 15 देशों के राजनयिकों का एक प्रतिनिधिमंडल दौरे पर था।

अपने दौरे के दूसरे दिन यानी शुक्रवार (10 जनवरी,2020) को ये राजनयिक जम्मू के जगती प्रवासी टाउनशिप पहुँचे। जब राजनयिक टाउनशिप की ओर जा रहे थे तभी दो कश्मीरी पंडित फ्री कश्मीर फ्रॉम इस्लामिक टेररिज्म का पोस्टर लिए देखे गए।

आए दिन कश्मीर में पाकिस्तानी समर्थक हाथों में पत्थर लिए भारत से आज़ादी की माँग करते हैं। इसकी माँग के लिए वह हिंसक विरोध प्रदर्शन करने से नहीं चूकते। यहाँ तक कि इस दौरान प्रदर्शनकारी सेना पर पत्थरबाजी करने से भी नहीं चूकते। और ऊपर से पाकिस्तान आए दिन भारत की सेना पर कश्मीर में बेगुनाहों पर गोली चलाने और उनके साथ बर्बरता करने का झूठा आरोप लगाता रहता है। यहाँ तक कि पाकिस्तान इस झूठ को विश्व के विभिन्न मंचों पर भी उठाता रहा है। हालाँकि पाकिस्तान को हर जगह से मुँह की खानी पड़ी है।

अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद पहली बार 15 देशों के राजनयिक केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के दौरे पर हैं। कश्मीर घाटी का जायजा लेने के बाद विदेशी प्रतिनिधियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय लोगों ने पाकिस्तान के उन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है, जिनमें पड़ोसी मुल्क द्वारा कहा जा रहा था कि घाटी में रक्तपात हो रहा है। इसके अलावा प्रतिनिधियों ने बताया कि कश्मीर के लोग पाकिस्तान के झूठ को पूरी तरह से खारिज करते हैं और वहाँ के लोगों का कहना है कि वो पाकिस्तान को एक इंच भी जमीन नहीं देंगे। साथ ही लोगों ने जम्मू-कश्मीर में हत्याओं के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया और विदेशी राजनयिकों को पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए कहा। इससे पहले यूरोपीय संसद के सांसदों के एक समूह ने जमीनी हकीकत जानने के लिए जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था।

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दो दिवसीय यात्रा के पहले दिन के दौरान प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर में सामान्य स्थिति के गवाह भी बने। उन्होंने कहा कि श्रीनगर की सड़कों पर आम दिन की तरह ही दुकानें खुलीं और सब कुछ बिलकुल सामान्य रहा। प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेताओं से भी मुलाकात की थी। उनको सेना के 15 कोर मुख्यालय भी ले जाया गया, जहाँ उन्हें सेना के शीर्ष कमांडरों द्वारा कश्मीर में सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। विदेशी राजनयिकों के प्रतिनिधिमंडल ने सिविल सोसायटी के सदस्यों और स्थानीय मीडिया से भी मुलाकात की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया