मस्जिद के पास जमा हुई भीड़ ने पशु कार्यकर्ताओं को लाठी-डंडों से पीटा, पुलिस से भी धक्कामुक्की: गोमांस पर कार्रवाई से भड़के थे

मुंबई पुलिस की मौजूदगी में बीफ तस्करों ने पशु कार्यकर्ता को पीटा (प्रतीकत्मक चित्र)

मुंबई के चूनाभट्टी इलाके में पशु कार्यकर्ताओं पर पुलिस की मौजूदगी में बीफ तस्करों द्वारा हमला किया गया है। यह हमला कसाईवाडी इलाके में अवैध बीफ ले जा रहे ट्रक पर छापेमारी के दौरान हुआ है। इस हमले में पशु कल्याण अधिकारी आशीष कमलाकर बारिक को रॉड से सिर में मारा गया है। उनके सहयोगी प्रतीक नानवरे पर लाठियों से हमला हुआ। मौके पर गए पुलिस के 2 जवानों के साथ भी धक्कामुक्की की गई है। पुलिस ने FIR दर्ज कर के कार्रवाई शुरू कर दी है। घटना रविवार (16 जनवरी) की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमलावरों की संख्या लगभग 40 थी। हमले में घायल प्रतीक नानवारे ने बताया “हमें ट्रक नंबर MH03-CV7665 के कसाईवाड़ी की तरफ जाने की जानकारी मिली थी। हमें बताया गया कि उसमें बीफ़ है। सहायता के लिए हमने रविवार की सुबह 6 बजे के आस – पास मुंबई पुलिस हेल्पलाइन में सम्पर्क किया। हमें गोमाँस को ज़ब्त करना था। हमारे साथ 2 पुलिसकर्मी मौके पर गए। जैसे ही ट्रक कसाईवाड़ी मस्जिद के पास पहुँची, भीड़ ने हमला कर दिया। हमले के लिए लाठियों, डंडों और रॉड का प्रयोग किया गया। सबसे अधिक आशीष को मारा गया। उनका सिर फ़ट गया। उसके बाद मुझे मारा गया।”

FIR

पुलिस ने इस हमले में मुश्ताक अहमद और मोहम्मद हनीफ को मुख्य आरोपित बनाया है। बाकी 18 से 20 हमलावरों को अज्ञात में रखा गया है। आरोपितों पर धारा 307, 324 ,353, 504, 149, 148, 147, महाराष्ट्र प्राणी अधिनियम 1995 के तहत कार्रवाई की गई है। घटना का समय सुबह 6.15 का दिखाया गया है।

हमले के शिकार हुए दोनों पीड़ित ध्यान फाउंडेशन संस्था से जुड़े थे। आशीष बारिक को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके साथी प्रतीक और पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आई हैं। घटनास्थल से चूनाभट्टी पुलिस ने भारी मात्रा में बीफ जब्त किया है। उसके कुछ नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 5 आरोपितों को हिरासत में लिया गया है।

करुणा परिवार ट्रस्ट एनजीओ के वरिष्ठ पशु कार्यकर्ता भाविन गथानी ने इसे बेहद गंभीर मुद्दा बताया है। उन्होंने कहा, “हमला पुलिस की मौजूदगी में हुआ है। ऐसे संवेदनशील इलाके में पुलिस को और अधिक बल भेजना था। मैं जानता हूँ कि ऐसी छापेमारी के दौरान सुरक्षा कितनी जरूरी होती है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया