प्रेमजाल में फँसा शादीशुदा शाहनवाज़ ने सीता से किया निक़ाह, फिर जीजा और दोस्तों संग मिल कर दी हत्या

शाहनवाज (दाएँ) ने जीजा आमिर (बाएँ) और दोस्तों संग मिलकर की सीता की हत्या (साभार: दैनिक जागरण)

सोशल साइट्स पर नए लोगों से चंद दिनों की मुलाक़ात कभी-कभी जानलेवा भी बन जाती है। किसी अनजान शख़्स को एकाएक अपना समझ लेने की भूल कई बार मौत का सबब भी बन जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ कानपुर की सीता उर्फ़ नेहा के साथ। सोशल मीडिया के जरिए शाहनवाज़ से हुई उसकी चंद दिनों की मुलाक़ात न जाने कब प्यार में बदल गई पता ही नहीं चला। बात इस हद तक पहुँच गई कि सीता ने अपने परिवार से बग़ावत कर शाहनवाज़ से निक़ाह भी कर ली। सीता को इस बात की बिल्कुल भनक नहीं कि उसके इस फ़ैसले का अंजाम अगले ही पल उसकी मौत का कारण बनने वाला था।

दरअसल, बिठूर-गंगा बैराज रोड पर 27 दिसंबर को पुलिस को दुल्हन के जोड़े में एक युवती के शव मिला। उसके हाथों में मेहंदी लगी हुई थी, शव देखकर यह साफ़ पता चलता था कि पहले युवती की हत्या की गई और उसके बाद शव फेंक दिया गया। जाँच के बाद पता चला कि शव आजमगढ़ के जवाहिर की चौथे नंबर की बेटी सीता का है। मृतका के पिता ने पुलिस को बताया कि कानपुर के शाहनवाज़ के साथ उनकी बेटी का प्रेम-प्रसंग चल रहा था।


दैनिक जागरण के कानपुर संस्करण में प्रकाशित ख़बर

उन्होंने बताया कि अपनी बेटी को समझाया था कि लड़का दूसरे धर्म का है वो उससे शादी न करे। लेकिन, लड़की नहीं मानी और परिवार के ख़िलाफ़ जाकर उसने पहले निक़ाह किया और फिर कोर्ट मैरिज भी की। इसके बाद सीता को लेकर शाहनवाज़ कानपुर चला गया। 

सीता का शव मिलने के बाद पुलिस ने शाहनवाज़ की खोजबीन शुरू कर दी। इसके बाद, पुलिस ने उसे बजरिया के शौक़त अली पार्क स्थित घर से गिरफ़्तार कर लिया। सख़्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना ज़ुर्म क़बूल कर लिया। शनिवार (4 जनवरी) को पुलिस उसे लेकर सीता के जेवर बरामद करने के लिए घटनास्थल पर पहुँची। वहाँ पहुँचकर शाहनवाज़ ने जेवर बरामदगी के वक़्त झाड़ियों में छिपाए तमंचे से पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने भी जवाब में फायरिंग की। शाहनवाज़ के दाहिने पैर में गोली लग गई जिससे वो ज़ख़्मी हो गया और उसे पकड़ लिया गया।

ख़बर के अनुसार, शाहनवाज़ ने पुलिस को बताया कि सीता से उसकी जान-पहचान सोशल साइट पर हुई थी। जान-पहचान के दौरान सीता, शाहनवाज़ से प्यार करने लगी। शाहनवाज़ ने सीता को बताया था कि वो पहले से शादीशुदा है और उसने अपनी बीवी को तलाक़ दे दिया है। इसके बाद वो उससे मिलने आजमगढ़ गया जहाँ वो सीता के परिजनों से भी मिला। 23 जून 2019 को उसने सीता से निक़ाह किया। अक्टूबर के महीने में वो सीता को कानपुर ले आया जहाँ वो एक किराए के कमरे में रहने लगा।

सीता ने शाहनवाज़ से कई बार कहा कि वो उसे उसकी ससुराल ले जाए, लेकिन शाहनवाज़ हमेशा आनाकानी करता रहता था। सीता की यह ज़िद जब ज़्यादा ज़ोर पकड़ने लगी, तो वो परेशान हो गया और इस बारे में उसने अपने बहनोई आमिर ख़ान से मदद माँगी। इसके बाद दोनों ने मिलकर उसे मारने की योजना बनाई। इसके तहत 26 दिसंबर को शाहनवाज़, सीता को लेकर गंगा बैराज पहुँच गया। वहाँ उसने अपने बहनोई आमिर खान और दोस्तों के साथ मिलकर सीता की गला दबाकर हत्या कर दी और शव फेंक दिया।

शाहनवाज़ ने पुलिस को बताया कि वो सीता को गंगा बैराज ससुराल ले जाने के बहाने से ले गया था। ससुराल जाने की बात पर सीता बेहद ख़ुश हुई थी और इसका ज़िक्र उसने अपनी बहन सुशीला से भी किया था। सीता ने अपनी बहन को बताया था कि वो ससुराल जा रही है, इसलिए उसने अपने हाथों और पैरों में मेहंदी लगवाई है। 27 दिसंबर को जब सुशीला ने अपनी बहन का हाल जानना चाहा तो शाहनवाज़ ने उसे यह कह कर टाल दिया कि वो (सीता) व्यस्त है, जुमे के बाद बात कराएगा। इसके बाद से सीता का फोन लगातार ऑफ़ रहा। सीता का शव मिलने की घटना का पता जब उसके घरवालों को लगा तो मानों उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई हो।

इस मामले पर जानकारी देते हुए सीओ अजीत सिंह ने बताया कि शहनवाज़ व उसके बहनोई को जेल भेज दिया गया। वारदात में शामिल शहनवाज़ के दोस्त शारिक उर्फ़ मोनू व जीशान और आमिर के दोस्त हसीब की तलाश की जा रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया