प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर (युद्धपोत) INS विक्रांत को कोच्चि के कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में देश को समर्पित किया। यह युद्धपोत पूर्णत: स्वदेशी है। इसके साथ पीएम ने नौसेना के नए झंडे ‘निशान’ का भी अनावरण किया। इसे लहराने के दौरान पहली बार विक्रांत पर ‘जन गण मन’ बजाया गया।
बता दें कि INS विक्रांत पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। इसका डिजाइन से लेकर निर्माण तक, सब कुछ भारत में ही हुआ है। इसका निर्माण भारत के प्रमुख औद्योगिक घरानों के साथ-साथ 100 से अधिक लघु एवं मध्यम उपक्रमों द्वारा उपलब्ध कराए गए स्वदेशी उपकरणों से किया गया है।
भारत के पास INS विक्रमादित्य नाम से एक युद्धपोत पहले से ही मौजूद है। स्वदेशी INS विक्रांत का निर्माण रक्षा क्षेत्र में भारत के आत्मनिर्भरता को दिखाता है। इस युद्धपोत पर अलग-अलग तरह के 30 से ज्यादा लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर आदि तैनात किए जा सकते हैं।
युद्धपोत को समर्पित करने के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने आजादी के 75 साल बाद भारतीय नौसेना के झंडे बदल दिया है और नए झंडे ‘निशान’ का अनावरण किया। ‘निशान’ को अपनाने से पहले भारतीय नौसेना के झंडे पर सेंट जॉर्ज के क्रॉस वाले होते थे। यह ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान अपनाया गया था।
‘निशान’ के अनावरण के साथ ही 15 अगस्त 1947 को मिली आजादी के बाद पहली बार नौसेना के ध्वज को फहराने के दौरान भारत का राष्ट्रीय गान ‘जन गण मन’ गाया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना के झंडे को सलामी भी दी।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे इस युद्धपोत को मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज को समर्पित करते हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज को भारतीय ‘नौसेना का पितामह’ कहा जाता है। नौसेना के झंडे में शिवाजी महाराज की शील्ड से प्रेरित अष्टकोणीय प्रतीक को भी शामिल किया गया है।
औपनिवेशिक भारतीय नौसेना के झंडे में सफेद रंग की पृष्ठभूमि पर लाल रंग में सेंट जॉर्ज का क्रॉस होता था। इसके ऊपरी हिस्से में बाएँ तरफ ब्रिटेन का झंडा यूनियन जैक बना होता था। आजादी के बाद भी झंडे और बैज का इस्तेमाल जारी रहा। हालाँकि, 26 जनवरी 1950 को इसमें थोड़ा बहुत बदलाव किया गया था। इसके बाद साल 2001 में इसमें थोड़ा बदलाव किया।
अब नौसेना के इस झंडे को पूरी तरह बदल दिया गया है। अब इस झंडे की पृष्ठभूमि को सफेद रखा गया है। इसके साथ ही ऊपर बाईं ओर तिरंगा को दर्शाया गया है और आगे की ओर नौसेना के चिह्न को रखा गया है। इस तरह पुराने झंडे को पूरी तरह बदल दिया गया है।
क्या है सेंट जॉर्ज क्रॉस
सेंट जॉर्ज क्रॉस का नामकरण एक ईसाई योद्धा के नाम पर किया गया है, जो तीसरे धर्मयुद्ध (क्रूसेड- ईसाइयों की मुस्लिमों से धार्मिक लड़ाई) में शामिल हुए थे। यह क्रॉस इंग्लैंड के झंडे को भी प्रदर्शित करता है। इस झंडे को इंग्लैंड ने सन 1190 में अपनाया था। बाद में ब्रिटेन की शाही नौसेना ने अलग-अलग आकार में अपना लिया था। इस झंडे का वर्तमान स्वरूप सन 1707 के आसपास अंगीकार किया गया था।