किसी को जिंदा जलाया, किसी को उठाया… एक्टिव है गैंग, छोटी उम्र की हिंदू लड़कियाँ टारगेट: रिपोर्ट में दावा- पहचान बदलकर फँसाना, फिर निकाह-धर्मांतरण आम

दुमका में अंकिता सिंह जैसी नाबालिग लड़कियों को फँसाने के लिए काम कर रहा है इस्लामी गिरोह (फोटो साभार: NBT)

झारखंड के दुमका में शाहरुख़ हुसैन नाम के युवक ने नाबालिग छात्रा अंकिता सिंह को जला कर मार डाला। इसमें उसका साथ दिया उसके दोस्त नईम ने। अब इस मामले के कनेक्शन ‘अंसार उल बांग्ला’ नामक बांग्लादेशी आतंकी संगठन से जुड़ रहे हैं। दोनों आरोपित 72 घंटे की रिमांड पर लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। नईम के मोबाइल फोन से कुछ ऐसे वीडियोज मिले हैं, जो बताते हैं कि वो ‘अंसार उल बांग्ला’ से प्रभावित है।

वो अक्सर मोबाइल पर आतंकी संगठन की गतिविधियों को देखता रहता था। ये वो संगठन है, जो गैर-मुस्लिम लड़कियों को फँसा कर उन्हें इस्लाम कबूलवाने की गतिविधियों पर काम करता है। सीमावर्ती इलाकों में खासकर के इस संगठन के लोग सक्रिय हैं। ‘दैनिक भास्कर’ ने अपनी पड़ताल में पाया है कि दुमका के डंगालपाड़ा, सानीडंगाल, जरुवाडीह और बंदरजोड़ी में कई ऐसी लड़कियाँ मिलीं, जो इन गतिविधियों का शिकार बनी हैं और उनकी सुनने वाला कोई नहीं।

ये वो लड़कियाँ हैं, जो ‘लव जिहाद’ का शिकार बनीं। निकाह करा के उनका इस्लामी धर्मांतरण तक कराया गया। पाकुड़, गोड्डा, साहिबगंज और जामताड़ा में भी ऐसी पीड़िताएँ हैं। मीडिया संस्थान ने दुमका के डंगाल मोहल्ले की एक लड़की से बात की, जिसने बताया कि एक मुस्लिम लड़के से उसे प्यार हुआ था। बाद में उसे उसके मजहब के बारे में पता चला। शादी के बाद 10 साल बीत चुके हैं और अब बच्चे भी स्कूल जाने लगे हैं।

दुमका गाँधी मैदान के नजदीक रहने वाली एक युवती के पिता ने बताया कि 8 साल पहले उनकी बेटी उन्हें छोड़ कर चली गई थी। ऐसे कई मामलों में लोकलाज के कारण लोग चुप रहते हैं। दुमका के अधिवक्ता संघ ने भी निर्णय लिया है कि वो दोनों आरोपितों का केस नहीं लड़ेंगे। झारखंड के गृह विभाग ने भी एक रिपोर्ट में कहा था कि साहिबगंज व पाकुड़ में चिह्नित अवैध प्रवासियों ने वोटर आईडी, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस बनवा रखा है।

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इन इलाकों में जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश और पाॅपुलर फ्रंट आफ इंडिया व अंसार उल बांग्ला जैसे प्रतिबंधित संगठनों का दबदबा बढ़ रहा है। साहिबगंज, पाकुड़ और धनबाद जैसे जिलों में भी इसी तरह की गतिविधियाँ चल रही हैं। दुमका की अधिवक्ता प्रियादत्ता सिन्हा भी बता चुकी हैं कि नाबालिग लड़कियों को प्रेम जाल में फँसा कर इस्लामी धर्मांतरण कराने का गिरोह सक्रिय हैं और उच्च-स्तरीय जाँच में चीजें सामने आ सकती हैं।

प्रियादत्ता सिंह ने ‘दैनिक जागरण’ को बताया था, “दुमका में इस तरह का एक संगठित गिरोह काम कर रहा है। खासतौर पर हिन्दू नाबालिग लड़कियों को निशाना बना कर उन्हें धर्म-परिवर्तन के लिए जाल में फँसाया जाता है। लोकलज्जा के कारण कई मामले तो पुलिस तक पहुँचते ही नहीं। अंकिता सिंह हत्याकांड निंदनीय है और दोनों आरोपितों को फाँसी की सज़ा होनी चाहिए। मैंने दुमका की एक ऐसी ही पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ी।”

ये भी जानने लायक बात है कि नईम 2021 में भी एक नाबालिग हिंदू लड़की को अगवा कर चुका है। इस लड़की को भी उसी तरह प्रताड़ित किया जा रहा था, जैसे अंकिता के मामले में देखने को मिला है। नईम ने नाबालिग लड़की को अगवा कर निकाह का दबाव डाला था। उसे बेचने की धमकी दी थी। इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत वह गिरफ्तार भी हुआ था। बाद में उसे जमानत दे दी गई। जेल से बाहर आने के बाद वह नाबालिग पीड़िता के परिवार को केस उठाने की धमकी भी दे रहा था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया