Friday, November 15, 2024
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‘तुरंत बताओ…कैसे कहा ‘अटैक’ करा सकती है सरकार’: IT मंत्रालय ने माँगा Apple कंपनी से जवाब, विपक्षी दलों ने अलर्ट आने पर उठाया था सवाल

गुरुवार (1 नवंबर 2023) को आईटी सचिव एस कृष्णन ने कहा था कि विपक्षी दलों के सांसदों ने एप्पल की तरफ से भेजे गए अलर्ट मैसेज का जो मुद्दा उठाया था, उसके लिए भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया टीम यानी सीआईआरटी-इन जाँच करेगा। ये देश की कंप्यूटर सुरक्षा से जुड़े मामलों पर जवाब देने के लिए राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है।

भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने हाल ही में राजनेताओं एवं अन्य लोगों को भेजे गए ‘सरकार प्रायोजित हैकरों से सावधान’ वाले मैसेज पर एप्पल (Apple) से जवाब माँगा है। आईटी मंत्रालय ने गुरुवार (2 नवंबर 2023) को Apple को एक नोटिस भेजकर इस दावे का सबूत पेश करने को कहा गया। मंत्रालय ने इस नोटिस पर एप्पल से तुरंत जवाब माँगा है।

जानकारी के मुताबिक, आईटी मंत्रालय ने एप्पल प्रतिनिधियों से पूछा है कि उन्होंने कैसे फैसला किया कि हमला ‘राज्य प्रायोजित’ था। मंत्रालय ने एप्पल से ये भी सवाल किया है कि उसने ये फैसला किस आधार पर किया कि फोन को दूर से एक्सेस किया जाएगा और संवेदनशील डेटा लीक हो जाएगा।

गौरतलब है कि मंगलवार (31 अक्टूबर 2023) को एप्पल के आईफोन का इस्तेमाल करने वाले कई लोगों के पास कंपनी की तरफ से चेतावनी का नोटिफिकेशन गया था। इसमें एप्पल का डिवाइस इस्तेमाल करने वाले विपक्षी पार्टियों के सांसदों भी शामिल थे। आई मैसेज (iMessage) और एप्पल मेल में भेजे इस मैसेज में लिखा था कि सरकार के स्पॉन्सर्ड हैकर्स आपके आइफोन पर हमला कर सकते हैं।

बस फिर क्या था, इसको लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर ब्लेम गेम शुरू कर दिया। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर, सुप्रिया श्रीनेत, पवन खेड़ा, केसी वेणुगोपाल, शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, आप सांसद राघव चड्ढा, AIMIM चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी मोदी सरकार पर हमलावर हो उठे।

केंद्र सरकार और खासकर केंद्रीय गृह मंत्रालय इनके निशाने पर आया। कॉन्ग्रेस नेता पवन खेड़ा तो एप्पल मैसेज का स्क्रीनशॉट शेयर कर ये तक कह गए, “मोदी सरकार, आप ऐसा क्यों कर रहे हो।” यही नहीं इन सांसदों और नेताओं ने अपने संबंधित एक्स हैंडल पर एप्पल की ओर से आए कथित नोटिफिकेशन के स्क्रीनशॉट भी पोस्ट किए। विपक्ष ने बुधवार (1 नवंबर 2023) को एप्पल अलर्ट मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की।

महुआ मोइत्रा ने इसको लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र भी लिखा। उन्होंने इसकी जाँच के लिए आईटी की स्थायी संसदीय समिति की बैठक बुलाने की माँग की। इसको लेकर इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि भारत सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा और निजता की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से संजीदा है। उन्होंने इस मामले की जाँच कराने की बात कही थी।

अश्विनी वैष्णव ने यह भी बताया था कि एप्पल ने ऐसे मैसेज अलर्ट्स को लेकर 150 देशों में एडवाइजरी जारी की है। अब इसी बात पर कायम रहते हुए उनके मंत्रालय ने एप्पल से जवाब तलब किया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के एक राजनीतिक सहयोगी और संघीय गृह मंत्रालय के दो अधिकारियों के मुताबिक, राजनेताओं की तरफ से जताई गई सभी साइबर सुरक्षा चिंताओं की जाँच की जा रही है।

भाजपा ने विपक्ष की बात को सिरे से नकारते हुए जॉर्ज सोरोस के फंडिंग वाले एक्सेस नाउ और आईफोन नोटिफिकेशन के बीच लिंक होने का इशारा किया था। बीजेपी ने कहा था कि इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी सब कुछ छोड़कर इस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने को उतावले हो गए। वहीं कॉन्ग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम और सीपीआई (एम) सांसद जॉन ब्रिटास ने आईटी के लिए संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष को पत्र लिखा।

गौरतलब है कि गुरुवार (1 नवंबर 2023) को आईटी सचिव एस कृष्णन ने कहा था कि विपक्षी दलों के सांसदों ने एप्पल की तरफ से भेजे गए अलर्ट मैसेज का जो मुद्दा उठाया था, उसके लिए भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया टीम यानी सीईआरटी-एन (CERT-N) जाँच करेगा। ये देश की कंप्यूटर सुरक्षा से जुड़े मामलों पर जवाब देने के लिए राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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