‘हनुमान जी की पूजा में कौन-कौन थे’ – दिल्ली पुलिस ने पूछा, सुजीत ने निडर होकर बताया – ‘मैं था’, पुलिसवालों ने घेर कर पकड़ लिया

जहाँगीरपुरी हिंसा में पकड़े गए सुजीत की पत्नी से ऑपइंडिया की बातचीत

जहाँगीरपुरी हिंसा में दिल्ली पुलिस ने हनुमान पूजा में शामिल होने वाले हिंदुओ को भी गिरफ्तार किया है। इनमें एक नाम सुजीत हलदर का भी है। हाल में ऑपइंडिया पत्रकार राहुल पांडे जब घटनास्थल पर गए, तो उन्होंने सुजीत की पत्नी मीनू से बात की और जानना चाहा कि आखिर किस जुर्म में उनके पति को पुलिस वाले अपने साथ ले गए।

मीनू ने राहुल पांडे से बात करते हुए बताया कि वह लोग जी ब्लॉक धोबी घाट पर रहते हैं। उनके पति को कल 4:30 बजे सिविल ड्रेस में आई पुलिस अपने साथ ले गई। उन लोगों ने पहले प्यार से पूछा कि हनुमान जी की पूजा में कौन-कौन शामिल था। शुरू में लोग डरने लगे कि क्या बोलें। मगर फिर सुजीत ने बिना डरे कह दिया, “हाँ जी सर, हमने पूजा की थी। हम पूजा में भी शामिल थे।” उन्होंने पूछा, “तुम कहाँ पर थे।” उन्होंने कहा कि मैं पालकी खींच रहा था। इसके बाद उनका गिरेबान पकड़कर उन्हें साइड में कर दिया गया। दो लोग उनके आस पास खड़े हो गए।

मीनू कहती है, “मेरे पति ने पूछा कि मैंने तो ऐसा कुछ किया नहीं है। आप मुझे क्यों पकड़ रहे हो। मगर उन्हें कहा गया कि वो वहाँ थे तो उन्हें चलना पड़ेगा। इतने पर मेरे पति ने एक बार फिर पूछा कि क्या उन्हें लेकर जाया जा रहा है। अगर ऐसा है तो वो अपने परिवार को बता दें। मगर उनसे कहा गया कि उन्हें गवाह के तौर पर ले जा रहे हैं। इसके बाद उन्हें लेकर गए। शाम को जाकर हमें पता चला कि चार्जशीट में उनके नाम भी है जिन्हें यहाँ से ले गए। अखबार वाले जब हमसे बयान लेने आए तब हमें ये सारी चीजें पता चलीं।”

मीनू ने ऑपइंडिया से बात करते हुए कहा कि वह लोग जैसे माहौल में है। वहाँ बच्चों को पढ़ाने का भी फायदा नहीं है। अगर कोई उन पर अटैक करेगा तो साफ है कि उसके बदले वो अपना बचाव तो करेगा ही। ये पूरी जो हिंसा हुई है इसी आधार पर तो हुई है। हिंदुओं को एक रास्ते से रथ यात्रा निकालने से रोका गया, उन्होंने पूछा क्यों नहीं जाएँगे बस उसके बाद ही ये सब हुआ।

बता दें कि जहाँगीरपुरी हिंसा में अब तक 23 लोग पकड़े जा चुके हैं। इनमें 2 नाबालिग हैं और कुछ हिंदू भी हैं। आज इसी इलाके से दोबारा पथराव की खबर सामने आई है।

राहुल पाण्डेय: धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।