‘कश्मीर में जाकर बसूँगा, हिन्दुओं को भी बसाने का होगा काम’: जितेंद्र नारायण (पूर्व में वसीम रिजवी) का ऐलान, कहा – कोई भी राज्य हिन्दू विहीन नहीं हो सकता

जितेंद्र नारायण (पूर्व में वसीम रिज़वी) का कश्मीर में बसने का एलान

इस्लाम को त्याग कर सनातनी हो चुके जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व में वसीम रिज़वी) ने कश्मीर में बसने की घोषणा की है। उनका कहना है कि इस बाबत उनकी कुछ हिन्दू संगठनों से बात भी चल रही है। जितेंद्र नारायण ने यह घोषणा एक वीडियो संदेश के जरिए की है, जिसमें उन्होंने कश्मीर में पाकिस्तान के इशारे पर हिन्दुओं को भगाने की साजिश का भी दावा किया है। यह घोषणा शनिवार (17 दिसंबर, 2022) को की गई है।

अपने 34 सेकेंड के वीडियो में वसीम रिज़वी ने कहा, “पाकिस्तान के सहयोग से कुछ आतंकी संगठन कश्मीर में हिन्दुओं को धमकाने का काम कर रहे हैं। मेरी बातचीत कुछ बुद्धिजीवियों और हिंदूवादी संगठनों से चल रही है। हम सरकार के सहयोग से कश्मीर में बहुत जल्द और हिन्दुओं को बसाने का काम शुरू करने वाले हैं। सबसे पहले हम खुद कश्मीर में जा कर बसेंगे। इस योजना पर काम शुरू कर दिया गया है।”

‘सुदर्शन न्यूज़’ के पत्रकार सूरज प्रताप सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस वीडियो को ‘कश्मीर में बसेंगे जितेंद्र नारायण त्यागी’ शीर्षक के कैप्शन से शेयर किया है।

ऑपइंडिया से बात करते हुए जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व में वसीम रिज़वी) ने कहा कि किसी भी राज्य से हिन्दुओं को खाली नहीं करवाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि किसी न किसी को तो रिस्क ले कर शुरुआत करनी ही थी और वो इसे कर रहे हैं। जितेंद्र नारायण के अनुसार, वो इसी माह के अंत या अगले माह में कश्मीर जा कर अपने अभियान की रूपरेखा बनाएँगे, जिसके बाद वो अपनी घोषणा को जमीनी रूप देंगे।

‘द कश्मीर फाइल्स’ में जो दिखा, उस से कई गुना ज्यादा अत्याचार

‘द कश्मीर फाइल्स’ पर हमारे सवाल पर जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा कि लोगों को फिल्म में जो दिखाया गया वो कम है। त्यागी ने बताया कि कश्मीरी हिन्दुओं ने जितना झेला उसका आधा भी फिल्म में नहीं दिखाया गया। जितेंद्र नारायण ने आगे बताया कि उन्होंने खुद कश्मीर पर एक फिल्म बना रखी है, जो किसी वजह से अभी रिलीज नहीं हो पाई है।

कश्मीर में हो रहे हिन्दुओं और बाहरी मजदूरों पर हमले

गौरतलब है कि अनुच्छेद-370 हटने के बाद भारतीय सेना ‘ने ऑपरेशन ऑल आउट’ चलाया था। इस दौरान कई बड़े आतंकी मार गिराए गए। बाद में आतंकियों ने कश्मीर के हिन्दुओं और बाहरी मजदूरों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। अक्टूबर 2022 में आतंकियों ने शोपियाँ क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के कन्नौज निवासी मनीष और राम कुमार को मार डाला था। अगस्त 2022 में कश्मीर के शोपियाँ में ही आतंकियों ने एक कश्मीरी हिन्दू सुनील कुमार भट्ट की हत्या कर दी थी। इस हमले में उनके भाई पिंटू कुमार भट्ट को गंभीर चोटें आई थीं।

अप्रैल 2022 में आतंकियों ने पुलवामा के लिजोरा इलाके में 2 मजदूरों को गोली मार दी थी। इनके नाम पातालश्वर कुमार और जोको चौधरी थे। दोनों को इलाज के बाद बचा लिया गया था। जोको और कुमार बिहार के बेतिया जिले के रहने वाले थे। फरवरी 2021 में आतंकियों ने श्रीनगर के शिव शक्ति मिष्ठान भंडार पर गोलियाँ बरसाई थीं। इस हमले का मुकाबला करते हुए 2 पुलिसकर्मी बलिदान हो गए थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया