बेअदबी नहीं, चोरी करने गया था… गुरुद्वारा में भीड़ ने मार डाला: कपूरथला के SSP ने बताई पूरी बात, दर्ज होगा मर्डर का केस

कपूरथला गुरुद्वारा बेअदबी मामले में कपूरथला के SSP (सफेद घेरे में) ने बताई पूरी बात

कपूरथला के निजामपुर गुरुद्वारा (Kapurthala Nizampur Gurudwara) में भीड़ ने जिस युवक का मार डाला, वो चोरी करने आया था… न कि बेअदबी करने। कपूरथला के एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह खख ने यह जानकारी दी है।

कपूरथला के एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह खख के अनुसार आरोपित युवक (जिसे भीड़ ने मार डाला) ने जो जैकेट पहनी थी, वो गुरुद्वारा के सेवादारों की थी। एसएसपी ने इस तर्क के अलावा मौके पर पहुँच कर गुरुद्वारा में रखे श्री गुरु ग्रंथ साहिब से छेड़छाड़ नहीं होने का भी जायजा लिया।

कपूरथला के एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह खख ने बताया कि अभी तक पुलिस ने जो भी जाँच की है, उसके अनुसार मृत युवक के चोरी करने का ही मामला सामने आया है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब से बेअदबी नहीं की गई है। इसलिए आरोपित युवक की हत्या में शामिल लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया जाएगा।

वीडियो वायरल होने के कारण भीड़ के आगे पुलिस बेबस

“लोगों ने वीडियो वायरल पर वीडियो डाल दी थी। इसके कारण भीड़ जमा हो गई। श्री गुरु ग्रंथ साहिब से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है – पुलिस ने लोगों को यह समझाने की बहुत कोशिश की। लेकिन धार्मिक भावना और गुस्से में लोगों ने युवक की हत्या कर दी। युवक की हत्या करने वालों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा।”

बच्चों के आईडी कार्ड गले में, वो भी चोरी वाले

गुरुद्वारा में मार डाले गए युवक के गले में से 1-2 आई कार्ड मिले हैं। ये दो बच्चों के आई कार्ड थे, दोनों चोरी हुए थे। मृत युवक इन आईडी कार्ड को अपने गले में डाले हुए था। कपूरथला के एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह खख ने बताया कि मृत युवक के पार्थिव शरीर को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।

जो जानकारी पहले आ रही थी

कपूरथला में सिख भीड़ ने एक व्यक्ति को गुरु ग्रन्थ साहिब की बेअदबी का आरोप लगा पीट-पीट कर मार डाला। यह घटना अमृतसर वाली घटना के कुछ ही घंटों बाद रविवार (19 दिसंबर, 2021) को हुई। गाँव वालों का कहना था कि उसने ‘निशान साहिब (सिख ध्वज)’ की बेअदबी की है।

आरोपित को मारने से पहले वहाँ की भीड़ का कहना था कि वो आरोपित को पुलिस को नहीं सौंपेंगे। निजामपुर के ग्रामीणों ने सिख संगठनों को इस मामले में बुलाया था और उनके द्वारा ही फैसला करने की बात कह रहे थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया