रात के 10 से सुबह के 6 बजे तक महिलाओं को FREE में ड्रॉप करेगी पुलिस: कर्नाटक में सराहनीय पहल

कर्नाटक पुलिस की सराहनीय पहल (फोटो साभार: ANI)

इन दिनों महिलाओं की सुरक्षा देश के लिए अहम सवाल बना हुआ है। आए दिन महिलाओं के साथ रेप की घटनाएँ सामने आ रही है। महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रही अपराध की घटनाओं को देखते हुए कर्नाटक की बीजेपी सरकार ने बड़ा फैसला लिया। 

कर्नाटक की गडग पुलिस ने रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच महिलाओं के लिए मुफ्त ड्रॉप सेवा शुरूआत की है। गडग के एसपी श्रीनाथ जोशी कहते हैं कि इस समय के बीच महिलाएँ किसी भी पुलिस स्टेशन या टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकती हैं। पुलिस उन्हें पिक कर लेगी और उन्हें उनके निर्धारित स्थानों तक सुरक्षित पहुँचाएगी। रात 10 से सुबह 6 बजे तक कोई भी महिला इस सुविधा का लाभ उठा सकती है।

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कर्नाटक पुलिस का यह निर्णय ऐसे समय में आया है, जब देश में एक के बाद एक महिलाओं के साथ रेप और बर्बर तरीके से हत्या के मामले सामने आ रहे हैं। पूरे देश में इन घटनाओं के कारण रोष व्याप्त है। कर्नाटक पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए मुफ्त ड्रॉप सेवा शुरू करके ये दिखाया है कि वो महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कितने सतर्क एवं चिंतित हैं। पुलिस का यह कदम वाकई काफी सराहनीय है। वारदात को अंजाम देने के बाद अपराधियों को तो पुलिस सजा देती ही है, लेकिन अपराध होने की नौबत ही न आए, इसके लिए ये कदम उठाकर कर्नाटक पुलिस ने मिसाल पेश की है।

इससे पहले केंद्र की मोदी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया था। इसमें कहा गया था कि महिला सुरक्षा को लेकर देशभर के सभी थानों में महिला डेस्क बनाए जाएँगे। इन थानों के लिए गृह मंत्रालय ने निर्भया फंड से 100 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। यह योजना सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की जाएगी। गृह मंत्रालय ने पुलिस स्टेशनों में महिला हेल्प डेस्क बनाने की योजना को मंजूरी देते हुए इसके लिए निर्भया फंड से 100 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है।

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पुलिस स्टेशनों को महिलाओं के अनुकूल और पहुँच योग्य बनाने के लिए महिला सहायता डेस्क बनाने का फैसला लिया गया है। इससे कोई भी महिला पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायक महिला डेस्क पर कर सकेंगी। इस डेस्क पर अनिवार्य रूप से महिला पुलिस अधिकारियों को तैनात किया जाएगा।

महिला हेल्प डेस्क के अधिकारियों को महिलाओं के प्रति संवेदनशील होने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। ये हेल्प डेस्क कानूनी सहायता, परामर्श, आश्रय, पुनर्वास और प्रशिक्षण आदि की सुविधा देने के लिए वकीलों, मनोवैज्ञानिकों, गैर सरकारी संगठनों और विशेषज्ञों के पैनल को सूचीबद्ध करेगी. इन सभी का इस्तेमाल महिलाओं को मदद करने में किया जाएगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया