केरल के पुलिसकर्मी पीके अनस ने इस्लामी कट्टरपंथी संगठन SDPI से साझा की RSS कार्यकर्ताओं की निजी जानकारी, सस्पेंड

RSS कार्यकर्ताओं की निजी जानकारी साझा करने वाले पुलिसकर्मी को सस्पेंड किया

केरल पुलिस के एक सिविल पुलिस अधिकारी पीके अनस को पुलिस डेटाबेस से आरएसएस (RSS) कार्यकर्ताओं की संवेदनशील और निजी जानकारी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के कार्यकर्ताओं को लीक करने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीमन्नूर पुलिस स्टेशन के सीपीओ (Civil Police Officer) पीके अनस को बुधवार (29 दिसंबर 2021) को एक आंतरिक जाँच के बाद सस्पेंड कर दिया गया। जाँच में पाया गया है कि अनस ने PFI के इस्लामी कट्टरपंथी संगठन SDPI के प्राइवेट चैट ग्रुप में आरएसएस कार्यकर्ताओं की संवेदनशील जानकारी साझा की थी।

बस कंडक्टर पर हमले के मामले में SDPI कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद यह जानकारी सामने आई थी कि CPO पीके अनस उनके संपर्क में था। इसके बाद CPO अनस का इडुक्की मुख्यालय में ट्रांसफर कर दिया गया था, लेकिन आज विस्तृत जाँच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद उसे केरल पुलिस बल से सस्पेंड कर दिया गया।

साभार: टाइम्स नाउ

मालूम हो कि एसडीपीआई के 6 कार्यकर्ताओं ने 2 दिसंबर 2021 को इडुक्की जिले के थोडुपुझा में मधुसूदन नाम के एक बस कंडक्टर के साथ मारपीट की थी। एसडीपीआई हमलावरों ने मधुसूदन पर फेसबुक पर सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील पोस्ट शेयर करने का आरोप लगाया था। जिला पुलिस प्रमुख आर विश्वनाथ ने मीडियाकर्मियों को बताया कि बस कंडक्टर के साथ मारपीट मामले में गिरफ्तार एसडीपीआई कार्यकर्ताओं में से एक सीधे तौर पर हत्या में शामिल है। उसने एक व्यक्ति को तलवार से काट दिया था।

बता दें कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या छह हो गई है, जिसमें दो पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्य भी शामिल हैं। एसडीपीआई पीएफआई का राजनीतिक मोर्चा है, जो एक प्रतिबंधित संगठन है। पीएफआई का हिंसा करने का काफी पुराना इतिहास है। नागरिकता संशोधन अधिनियम के मद्देनजर हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों और देश भर में हिंसा की जाँच के दौरान, पीएफआई की भूमिका संदिग्ध रही है और पीएफआई के कई सदस्यों को दंगों में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया