29 घंटे तक झेला टॉर्चर, फिर फंदे से झूल गया सिद्धार्थन: वायनाड में छात्र की मौत के मामले में CBI ने 20 पर दर्ज की FIR, वामपंथी गुंडे थे शामिल

जेएस सिद्धार्थन की मौत के मामले में CBI ने दर्ज की FIR (फोटो साभार: onmanorama.com)

केरल के वायनाड स्थित पुक्कोड़ यूनिवर्सिटी में पशु विज्ञान के छात्र जेएस सिद्धार्थन ने 18 फरवरी 2024 को फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। केरल पुलिस ने अपनी जाँच में पाया है कि सिद्धार्थन को करीब 29 घंटों तक टॉर्चर किया गया था। अब यह केस सीबीआई को सौंप दी गई है। केंद्रीय जाँच एजेंसी ने 5 अप्रैल 2024 को इस मामले में 20 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है।

20 वर्षीय सिद्धार्थन के परिजनों ने वामपंथी छात्र संगठन SFI के सदस्यों पर टॉर्चर का आरोप लगाते हुए CBI जाँच की माँग की थी। आसिफ खान और मोहम्मद धनीस सहित कुल 20 पर FIR दर्ज की गई है। इन पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने व रैंगिंग अधिनियम सहित अन्य धाराओं में कार्रवाई की गई है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इस घटना का संज्ञान लिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक CBI ने जिन आरोपितों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की है, उसमें स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (SFI) के 4 नेता नामजद हैं। इसमें यूनियन अध्यक्ष अरुण के, इकाई सचिव अमल इहसन, सदस्य आसिफ खान और अभिषेक पाल शामिल हैं। अन्य नामजदों के नाम अखिल के, काशिनाथन आर एस, अरुण के, अजय जे, अल्तफ ए, मुहम्मद धनीश, श्रीहरि आरडी, अमीन अकबर अली, सऊद रिसाल ईके, आकाश आरडी, रेहान बिनॉय, डान्स दाई, नासिर वी, अभि वी, बिलगेट थानिक्कोडे और आदित्यन हैं।

FIR में बताया गया है कि 16 फरवरी 2024 को इन सभी आरोपितों ने सिद्धार्थन को सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक टॉर्चर किया था। प्रताड़ना का यह दौर अगले दिन 17 फरवरी को भी चला था। रैंगिंग के नाम पर सिद्धार्थन को बेरहमी से बेल्टों से पीटा गया था। लगातार 29 घंटे प्रताड़ित होने के बाद सिद्धार्थन को लगने लगा कि वह यूनिवर्सिटी में पढ़ाई जारी नहीं रख सकता है। इसी मानसिक तनाव के चलते उसने आत्महत्या कर ली। 18 फरवरी को सिद्धार्थन ने दोपहर 12:30 से 1:45 के बीच हॉस्टल के बाथरूम में फाँसी लगा ली थी।

CBI ने आरोपितों के खिलाफ IPC में आपराधिक साजिश रचने की धारा 120, आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा 306, चोट पहुँचाने की धारा 323, अवैध तौर पर बंधक बनाने की धारा 342, हमला करने की धारा 355 और धमकाने की धारा 506 के साथ केरल रैंगिंग निषेध अधिनियम की धारा 4/3 के तहत कार्रवाई की है। FIR के आधार पर मामले की जाँच शुरू कर दी गई है। अभी तक कुल 18 छात्रों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर चुकी है।

सीबीआई को केस सौंपे जाने से पहले केरल पुलिस ने CRPC की धारा 174 के तहत यह मामला दर्ज किया था। यह धारा किसी की असामयिक मृत्यु पर लगाई जाती है। तब पुलिस ने यूनिवर्सिटी के ही एक अन्य छात्र कृष्णलाल के बयान को केस का आधार बनाया था। केरल पुलिस द्वारा यह केस वायनाड के विथिरी पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। तब जाँच अधिकारी सब इंस्पेक्टर प्रशोभ पीवी ने अपनी केस डायरी में यह लिखा था कि सिद्धार्थन को उसके सीनियर और सहपाठी छात्रों ने शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया था।

पुलिस ने सिद्धार्थन द्वारा आत्महत्या करने की वजह इसी प्रताड़ना को बताया था। जाँच अधिकारी ने अदालत में आरोपितों पर धाराएँ बढ़ाने के लिए अर्जी भी दी थी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इस घटना का संज्ञान लिया है। आयोग की एक टीम 8 अप्रैल को वायनाड पहुँचने वाली है। यह टीम पीड़ित के परिजनों और पुलिस अधिकारियों से मिलेगी।

गौरतलब है कि टॉर्चर के दौरान सिद्धार्थन को खाना भी नहीं दिया गया था। उसे पहले सबके आगे सिर्फ अंडरवियर पहना कर पीटा गया और बाद एक सुनसान जगह पर बंद कर पिटाई की गई। बताया जा रहा है कि वैलेंटाइन डे पर एक लड़की के साथ डांस करने की वजह से वामपंथी छात्र सिद्धार्थन से नाराज थे। उन्होंने उससे इसके लिए माफी भी मँगवाई थी। उसे कॉलेज के 130 छात्रों के आगे प्रताड़ित किया गया था। घटना के बाद कॉलेज प्रशासन ने मामले को दबाने का प्रयास किया था। आंतरिक जाँच के लिए बनी कमेटी के आगे कई शिक्षकों ने भी मुँह खोलने से इनकार कर दिया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया