पीटा, पेशाब पिलाया, कर ली आत्महत्या… मंदिर में माता की पूजा करने गए थे विकास शर्मा, प्रवेश शुक्ला काण्ड के बाद MP के एक और मामले में न्याय की माँग

फाँसी की प्रतीकात्मक तस्वीर

सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रहा है, जिसमें दलित समाज के कुछ लोगों द्वारा पेशाब पिलाने के कारण विकास शर्मा नाम के लड़के ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। लोगों का कहना है कि एक साल बीत जाने के बाद भी अभी भी मृतक के परिजनों को न्याय नहीं मिला।

सोशल मीडिया पर इसको लेकर लोग सवाल उठा रहे हैं। इसके वायरल वीडियो पर सुप्रीम कोर्ट के वकील और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को टैग किया है।

शुभम शुक्ला नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “विकास शर्मा को दलित समाज के लोगों ने पेशाब पिलाया, मारपीट की, मानसिक प्रताड़ना दी। इससे तंग आकर विकास ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। ये वीडियो भी वायरल हुआ था। 2020 शिवपुरी की इस घटना पर मृतक को अभी न्याय नहीं मिला। स्वच्छ समाज के लिए मनोज कोली और प्रवेश शुक्ला जैसे लोग कलंक हैं।”

सौरभ तिवारी नाम के यूजर ने लिखा, “इस पर मामा का एक्शन क्यू नहीं? क्या ये अपराध के श्रेणी में नही आता या फिर इसमें पीड़ित ब्राह्मण है और अपराधी दलित है इसलिए? न ही nsa लगाया न ही घर गिराया और न ही कोई करवाई हुई। मामा का यह चरित्र बहुत ही घटिया है और बेहूदा है।”

बबलू शुक्ला नाम के एक यूजर ने लिखा, “इस विषय मे सबके मुँह सिल जाएँगे, क्योंकि सब मानते है गलत सिर्फ ब्राह्मण है, बाकी सब गंगा जी के कर कमलों से पैदा हुए है।”

दरअसल, मई 2020 में मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले साजोर गाँव में 20 साल के विकास शर्मा से मनोज कोली और उसके घर की दो महिलाएँ- तारावती कोली और प्रियंका कोली ने मारपीट की थी और बाद में में उसे पेशाब पिला दी थी। इससे क्षुब्ध होकर विकास शर्मा ने आत्महत्या कर लिया था। विकास शर्मा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि वह अपवित्र हो गया, इसलिए वह आत्महत्या कर रहा है।

सुसाइड नोट में विकास ने लिखा था, “सुबह वह अपने घर के पास स्थित माता के मंदिर पर जल चढ़ाने गया था। इस दौरान गाँव के हैंडपंप पर पानी भर रहे एक ही परिवार के तीन सदस्यों ने अपने बर्तनों पर पानी के छींटे पड़ने से नाराज होकर मारपीट की। मेरे पूजा के लोटे में मनोज कोली ने पेशाब कर मुझे जबरन पिलाया और आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया।”

पुलिस ने इस मामले में तीनों आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), धारा 323 (मारपीट), धारा 505 (विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य की भावनाएँ पैदा करना) और धारा 34 लगाई थीं। साथ ही तीनों को गिरफ्तार भी कर लिया था। 

बताते चलें कि मध्य प्रदेश में ऐसी ही घटना सामने आई है, जिसमें प्रवेश शुक्ला नाम के एक व्यक्ति ने अनुसूचित जनजाति समुदाय के एक व्यक्ति पर शराब के नशे में पेशाब कर दिया। पीड़ित व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर है। वहीं, प्रवेश शुक्ला भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला का प्रतिनिधि बताया जा रहा है।

इस घटना को लेकर हंगामा होने के बाद मध्य प्रदेश की पुलिस ने प्रवेश शुक्ला के घर के बाउंड्री वॉल सहित अतिक्रमण वाले हिस्से को बुलडोजर चलाकर गिरा दिया है। इसके साथ पर उस पर NSA के तहत कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया