8 दिसंबर 2022 को उत्तर प्रदेश के रामपुर को पहला हिंदू विधायक मिला है। ऐसा देश की स्वतंत्रता के बाद पहली बार हुआ है। 20 चुनावों के बाद यह अवसर आया। अब रामपुर जिले के करीब एक दर्जन परिवारों के 80 सदस्यों ने घर वापसी की है। इनका दावा है कि आजम खान के डर से इन्होंने इस्लाम कबूला था।
मुजफ्फरनगर के एक आश्रम में इन लोगों की घर वापसी हुई। रविवार (11 दिसंबर 2022) को शुद्धिकरण के बाद महाराज यशवीर ने इनको फिर से हिंदू धर्म में लौटाया। दलित समाज से आने वाले इन लोगों ने गंगाजल पी कर गायत्री मंत्र का उच्चारण किया। इस्लामी टोपी और बुर्के पहुँचे ये लोग घर वापसी के भगवान श्री राम की तस्वीरों के साथ अपने घर लौटे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घर वापसी का यह कार्यक्रम मुजफ्फरनगर के बघरा ब्लॉक स्थित योग साधना आश्रम में सम्पन्न हुआ है। इसे सम्पन्न महराज यशवीर ने करवाया है। महराज यशवीर ने भी घर वापसी करने वाले सदस्यों पर आज़म खान के द्वारा अत्याचार किए जाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन सभी 80 लोगों को लालच और धमकी देकर मुस्लिम बनाया गया था। घर वापसी करने वालों का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वो वैदिक मंत्रों के बीच हवन करते दिखाई दे रहे हैं।
घर वापसी करने वालों के नाम अब हिन्दू धर्म के मुताबिक रखे गए हैं। मसलन इमराना अब कविता और फरजाना अब सविता नाम से जानी जाएँगी। कविता ने बताया कि उनके परिवार ही नहीं] बल्कि अन्य कई घरों को आज़म खान ने अपनी सरकार में बहुत तंग किया था। बताया यह भी जा रह है कि लोगों के घरों को भी तोड़ दिया गया था। सभी लोगों के मुताबिक आज़म के अत्याचारों से बचने के लिए उनके पास इस्लाम कबूल करना ही अंतिम विकल्प बचा था।
इमराना ने हिन्दू धर्म में वापसी कर खुद को बेहद खुश बताया। उन्होंने भी आज़म खान के गुर्गों पर इस्लाम कबूलने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने ने बताया कि आज़म की वजह से उनके पास बर्तन भी नहीं बचे थे। वहीं फरजाना से सविता बनीं महिला ने बताया कि आजम खान के दबाव में उन्हें इस्लाम कबूलना पड़ा था। उनकी जमीन-जायदाद तक छीन ली गई थी। इन सभी लोगों को घर वापसी के बाद भगवान राम की तस्वीरें दी गईं।