‘लोग बहुत कुछ कहना चाहते हैं पर उन्हें बोलने नहीं दे रहे’: संदेशखाली की पीड़िताओं से मिला SC आयोग, राष्ट्रपति को जाएगी रिपोर्ट

संदेशखाली में प्रदर्शन करती महिलाएँ (फोटो साभार : एएनआई)

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में तनाव के बीच राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की टीम संदेशखाली पहुँची। इस टीम ने पीड़ितों से मुलाकात की। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की टीम राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य अंजू बाला ने कहा कि प्रशासन ने पीड़ितों की शिकायत तक दर्ज नहीं की है।

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष अरुण हलदर ने कहा, “मुझे संदेशखाली के बारे में रिपोर्ट मिली है। बहुत से लोग बहुत कुछ कहना चाहते थे लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं दे रहे। पीड़ित लोग अनुसूचित जाति के हैं। उनको सुनने के लिए पूरा कमीशन आया है। इन लोगों की बातों को सुनकर मैं राष्ट्रपति को रिपोर्ट दूँगा। सच और झूठ लोगों की बात से पता चलेगा। एकतरफा राज्य सरकार जो कर रही है, उस पर भरोसा नहीं कर सकते। कल सुबह 11 बजे राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजी जाएगी।” उन्होंने कहा कि ये आयोग राजनीतिक नहीं है, संवैधानिक है। हम यहाँ राजनीति करने नहीं, बल्कि लोगों की परेशानियों को सुनने आए हैं।

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य अंजू बाला ने कहा, “यह एक शर्मनाक घटना है कि आज के समय में भी महिलाओं के साथ ऐसा कुछ हो सकता है। कोई भी महिला उन्हें पसंद आती थी, तो वो उसे ले जाते थे। यहाँ राजनीति का स्तर इस तरह गिर जाएगा कि आप महिलाओं को यूज करेंगे और यूज करने के बाद हटा देंगे। इस तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। यहाँ की मुख्यमंत्री खुद एक महिला हैं, उनका नाम ममता रखती है लेकिन दिल में ममता नाम की चीज नहीं है। यहाँ तो 376 तक का मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। हम मुलाकात करेंगे और जो धाराएँ लगनी चाहिए, वो लगवाने की कोशिश करेंगे।”

पीड़ितों से मुलाकात के बाच अंजू बाला ने अपनी बातों को दोहराया। उन्होंने कहा कि “ममता बनर्जी में ममता नाम की कोई चीज नहीं” है। उन्होंने कहा, “सीएम ममता बनर्जी कुछ भी खुलासा नहीं करना चाहतीं, वह महिलाओं पर अत्याचार की एफआईआर दर्ज नहीं करतीं। देश उन्हें माफ नहीं करेगा। हम चाहते हैं कि संदेशखाली में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए, क्योंकि यहाँ लोग बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं।” अंजू बाला ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को भी धन्यवाद कहा, क्योंकि उन्हीं की वजह से इस घटनाक्रम के बारे में पूरे देश को पता चला।

बता दें कि 8 फरवरी को संदेशखाली में महिलाओं ने टीएमसी के नेता और कथित तौर पर ममता बनर्जी के करीबी शेख शाहजहाँ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इस दौरान वहाँ काफी बवाल हुआ, जिसमें कई लोग घायल भी हो गए। संदेशखाली की महिलाओं ने आरोप लगाए हैं कि उन पर अत्याचार किया गया है। यहाँ तक कि टीएमसी की महिला कार्यकर्ताओं ने भी ये गंभीर आरोप लगाए। इस मामले में अब महिलाओं ने आरोप लगाए हैं कि उनसे बलात्कार का सर्टिफिकेट माँगा जा रहा है।

बता दें कि संदेशखाली में पिछले कुछ दिनों से महिलाएँ सत्ताधारी पार्टी के गुंडों के विरुद्ध सड़कों पर उतरी हुई हैं। इस दौरान उन्होंने टीएमसी गुंडों के भयावह कारनामों का खुलासा किया है। महिलाओं ने बताया कि वहाँ की महिलाओं के साथ टीएमसी के गुंडों द्वारा रेप और गैंगरेप आम बात है। वो टीएमसी की महिला कार्यकर्ताओं को भी नहीं छोड़ते।

महिलाओं का आरोप है कि पार्टी की मीटिंग में ये नेता सिर्फ महिलाओं को ही बुलाते हैं। महिला कार्यकर्ताओं को धमकाते हुए कहते हैं कि पति को मरने से बचाना है तो पार्टी के दफ्तर में आना पड़ेगा। जब महिलाएँ पार्टी के दफ्तर जाती हैं तो टीएमसी के गुंडे उनका यौन शोषण करते हैं। महिलाओं का आरोप है कि उन्हें अपनी अपने परिजनों की सुरक्षा के लिए चुप रहना पड़ता।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया