महापंचायत की तैयारी कर रहे सिंघु बॉर्डर पर जमे निहंग: हरियाणा पुलिस को धमकाया, कहा- बेअदबी हुई तो फिर करेंगे वही हाल

निहंग सिखों ने हरियाणा पुलिस को दी धमकी

कुंडली बॉर्डर पर हुई दलित मजदूर लखबीर सिंह की हत्या किसान प्रदर्शन में हुआ अब तक का सबसे घृणित अपराध है। एक ओर जहाँ इस घटना के बाद हर कोई आरोपितों की गिरफ्तारी की माँग कर रहा है। वहीं दूसरी ओर निहंग सिखों ने खुलेमाम उनके समुदाय के लोगों की गिरफ्तारी पर हरियाणा पुलिस को चेतावनी जारी कर दी है।

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, निहंगों ने अपने चार लोगों की रिहाई के लिए पुलिस को धमकी दी है। इन चारों ने लखबीर की हत्या मामले में पुलिस के सामने सरेंडर किया था। उनकी माँग है कि गुरु ग्रंथ साहिब का अपनाम करने के आरोप में मृतक लखबीर सिंह के ख़िलाफ़ केस लिखा जाए।

उन्होंने धमकी दी है कि वो अब अपने किसी साथी को सरेंडर नहीं करने देंगे। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि आगे मामले में गिरफ्तारी की कोशिश होती है तो वे सुनिश्चित करेंगे कि जो गिरफ्तार हुए हैं उन्हें रिहा करवा लिया जाए।

निहंगों के नेता बाबा राम सिंह ने कहा, “हमने अब पुलिस को बेअदबी के बारे में बताया। उनसे लखबीर सिंह के खिलाफ़ मामला दर्ज करने को कहा गया। अब पुलिस इस मामले में किसी अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार करने की कोशिश करती है तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम अपने चारों बंदे भी पुलिस की हिरासत से वापस ले लें। अभी हम पुलिस का सहयोग कर रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम उनसे किसी भी तरह की ज्यादती बर्दाश्त करेंगे।”

सिंह ने धमकी दी कि जो भी कोई गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में शामिल होगा उसे लखबीर सिंह की तरह ही दंडित किया जाएगा। बाबा राम सिंह ने कहा, “2015 में पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदमी हुए 6 साल हो चुके हैं। हालाँकि आज तक किसी भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया गया है और न ही किसी के ख़िलाफ़ कोई कानूनी कार्रवाई की गई है। अगर कोई अब फिर से ऐसा करने की कोशिश करता है तो हम उसे सजा देंगे जैसे लखबीर सिंह को सजा दी गई थी।”

निहंगों ने बुलाई महापंचायत

बता दें कि निहंग सिख दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर अब भी प्रदर्शन कर रहे हैं और अब तो उन्होंने खुलेआम 27 अक्टूबर को महापंचायत भी बुलाई है। इसमें वो आगे की रणनीति डिसाइड करेंगे। निहंगों ने सिंघू सीमा पर अपने प्रवास पर जनता की राय जानने के लिए ‘महापंचायत’ आयोजित करने का विकल्प चुना है।

कई प्रदर्शनकारी मान रहे हैं कि लखबीर की हत्या ने किसानों के विरोध को बदनाम करने का काम किया है। पिछले कुछ हफ्तों में विरोध प्रदर्शन पर इकट्ठा होने वाली भीड़ भी कम देखी गई। लेकिन निंहग इतनी जल्दी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। वह गुरुद्वारे के सामने शनिवार को अरदास के लिए इकट्ठा हुए थे, जहाँ लखबीर की हत्या हुई।

निहंग नेता ने कहा, “हम संयुक्त किसान मोर्चा का सम्मान करते हैं, भले ही वे कहें कि उनका हमसे कोई लेना-देना नहीं है। हम सब सरकार के खिलाफ एक ही लड़ाई लड़ रहे हैं। यह एक बड़ी लड़ाई है, और हम हर कीमत पर किसानों के हितों की रक्षा करेंगे।”

26 जनवरी के बाद सीमा पर पहुँचे थे लखबीर को मारने वाले निहंग

उल्लेखनीय है कि दलित सिख मजदूर लखबीर सिंह की 15 अक्टूबर को निहंग सिखों द्वारा हत्या की गई थी। उनका एक हाथ और पैरा काट दिया गया था और बाद में उनके पैर भी काटे गए थे। हत्या के मामले में अब तक 4 निहंगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दो लोग शनिवार को भी पकड़े गए हैं। एक भगवंत सिंह (20) है और दूसरा गोविंद सिंह (25) है…ये दोनों निहंगों के समूह के साथ 26 जनवरी को दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर आए थे।

मीडिया से एक बलविंदर सिंह ने बात करते हुए कहा, “हमारा समूह 26 जनवरी के बाद सिंघू बॉर्डर आया था। हमने 26 जनवरी के बाद सिंघू सीमा पर किसान प्रदर्शनकारियों पर भीड़ के हमले के वीडियो देखे। हमने देखा था कि कैसे दिल्ली पुलिस सिखों को मार रही है। इसलिए, हमने प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा के लिए यहाँ आने का फैसला किया। हम 2 फरवरी को सिंघू बॉर्डर पर यहाँ पहुँचे थे।” दिलचस्प बात ये है कि यही बलविंदर सिंह मानते हैं कि गणतंत्र दिवस पर हुआ बवाल किसान नेताओं द्वारा सुनियोजित था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया