नूहं में हिन्दुओं और पुलिस पर हमला करने वाला खालिद गिरफ्तार, 11 माह से दे रहा था चकमा: डिप्टी एसपी बन कर रहा था ठगी, साथी आकिल भी पकड़ाया

फर्जी DSP बन कर ठगी कर रहा नूहं हिंसा का आरोपित खालिद 11 महीने बाद गिरफ्तार (चित्र साभार- पंजाब केसरी)

हरियाणा के नूहं जिले में फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर ठगी करने वाले खालिद और आकिल को पुलिस ने शनिवार (15 जून 2024) को गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपित खुद को डिप्टी एसपी बताकर लोगों पर न सिर्फ रौब झाड़ते थे, बल्कि उनसे पैसों की वसूली भी करते थे। इनके निशाने पर खासतौर से वर्तमान व पूर्व सरपंच हुआ करते थे। खालिद पिछले साल 31 जुलाई को नूहं में हिन्दुओं की शोभा यात्रा पर हुए हमले में भी शामिल बताया जा रहा है। तब से वह फरार चल रहा था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला नूहं जिले के साइबर थाने का है। 3 दिन पहले एक पूर्व सरपंच दिलबाग ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में उन्होंने बताया था कि 2-3 दिन पहले उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आई थी। कॉलर ने खुद का परिचय डिप्टी एसपी शमशेर सिंह के तौर पर दिया था। कॉलर ने अपनी व्हाट्सएप डीपी भी वर्दी पहने शमशेर सिंह की लगा रखी थी।

इस कॉलर ने दिलबाग से बेहद जरूरी काम बताते हुए 95 हजार रुपयों की माँग की। पैसे जमा करने के लिए उसने स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) का खाता नंबर भी भेजा। दिलबाग ने बताया कि डिप्टी एसपी शमशेर सिंह उनके पूर्व परिचित थे। उन्होंने झाँसे में आकर उस खाते में 95 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। पैसे भेजने के बाद अगले दिन फिर से उसी नंबर से दिलबाग को कॉल आई।

कॉलर ने दिलबाग से और ज्यादा पैसों की माँग की। तब दिलबाग को एहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हो गई है। उन्होंने कॉलर के स्क्रीनशॉट और रिकार्डिंग आदि लेकर साइबर थाने को सम्पर्क किया। शिकायत के आधाार पर पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है। उसके बाद दोनों आरोपितों की तलाश में जुट गई है। पुलिस ने जाँच की तो जालसाजी के इस रैकेट में 2 लोग शामिल मिले।

इन दोनों के नाम खालिद और आकिल हैं। ये दोनों मेवात के रहने वाले हैं। मुख्य आरोपित खालिद है, जबकि आकिल उसका सहयोगी है। जाँच में पता चला कि खालिद 31 जुलाई 2023 को नूहं में बृजमंडल यात्रा के दौरान हिंदुओं पर हुए हमले में भी शामिल था। उसने न सिर्फ हिन्दू श्रद्धालुओं पर पत्थरबाजी की थी, बल्कि आगजनी में भी शामिल था। वह साइबर थाने पर हमले में भी शामिल था।

खालिद पिछले 11 महीनों से पुलिस को चकमा दे रहा था। वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रहा था। आखिरकार जालसाजी के मामले में वह कानून के घेरे में फँस गया। पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद आकिल को जेल भेज दिया है। वहीं, खालिद को व्यापक पूछताछ के लिए एक दिन की कस्टडी रिमांड पर लिया है। पुलिस कस्टडी में दोनों कान पकड़कर माफ़ी माँगते नजर आए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया