ओडिशा के कटक में स्थित मशहूर एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक वरिष्ठ डॉक्टर ने जाँच के बहाने 2 महिला मरीजों के साथ रेप किया। उसे कटक की मंगलाबाग पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। रेप का मामला सामने आने के बाद उस रेजिडेंट डॉक्टर को मरीजों के परिजनों ने जमकर पीटा, जिसके बाद उसे आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा था। हैरानी की बात ये है कि जिन महिला मरीजों का रेप किया गया, उसकी रिश्तेदार उसी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रही है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपित रेजिडेंट डॉक्टर का नाम दिलबाग सिंह ठाकुर है। वो एमपी के भोपाल का रहने वाला है। ये घटना रविवार (11 अगस्त 2024) की है। जब उसने इकोकार्डियोग्राम टेस्ट करने के लिए महिलाओं को अपने पास बुलाया। ये टेस्ट शुक्रवार को ही होना था, लेकिन डॉक्टर ने महिलाओं को रविवार को बुलाया। आरोपित डॉक्टर कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में काम करता है।
कटक के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी) अनिल मिश्रा ने बताया, “आरोपित डॉक्टर ने शुक्रवार की जगह महिलाओं को रविवार को जाँच के लिए बुलाया और तय एसओपी का पालन नहीं किया। इस जाँच के दौरान एक महिला नर्स या सहायक को मौजूद होना था। लेकिन उसने अकेले ही ये किया। इस दौरान उसी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली रिश्तेदार छात्रा ने कहा कि वो महिलाओं के साथ अंदर जाएगी, लेकिन उसे भी अंदर नहीं जाने दिया। उसने महिलाओं के साथ टेस्ट के दौरान रेप किया।”
पुलिस सूत्रों ने बताया कि 11 अगस्त को मंगलाबाग थाने में दर्ज शिकायत में “यौन उत्पीड़न” के आरोप लगाए गए थे, जिसके आधार पर पुलिस ने जाँच शुरू की। भारतीय न्याय संहिता की धारा 62 (2) (ई) के तहत मामला दर्ज किया गया था। एक महिला पुलिस अधिकारी ने पहले ही दोनों पीड़ितों का बयान दर्ज कर लिया था, जबकि पुलिस ने जाँच के तहत उनकी मेडिकल जाँच भी कराई थी। बताया जा रहा है कि पीड़ित के परिजनों, जूनियर डॉक्टरों ने आरोपित डॉक्टर की जमकर पिटाई भी की थी, जिसके बाद उसे आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा था, हालाँकि बाद में पुलिस ने आरोपित डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया।
डॉक्टर की कथित पिटाई पर एडीसीपी ने कहा कि आरोपित के परिजनों ने भी मारपीट की शिकायत दर्ज कराई है। एडीसीपी ने कहा, “हमने मंगलवार (13 अगस्त 2024) को मामला भी दर्ज कर लिया है और जाँच की जा रही है।” हालाँकि अस्पताल प्रबंधन ने इस विषय पर चुप्पी साथ ली है। वहीं, ओडिशा के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 3 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो जाँच रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
इस मेडिकल कॉलेज की शुरुआत उड़ीसा मेडिकल कॉलेज के तौर पर साल 1944 में की गई थी, जिसका नाम 1951 में बदलकर एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल कर दिया गया। यहाँ ओडिशा के साथ ही पश्चिम बंगाल से भी लोग इलाज के लिए पहुँचते हैं।