‘हाइवे पर किसान, ऑक्सीजन सप्लाई में परेशानी’: कोरोना के खिलाफ लड़ाई में AAP समर्थित आंदोलन ही दिल्ली का काल

किसान आंदोलन की फाइल फोटो (बाएँ), दिल्ली पहुँचा ऑक्सीजन ( दाएँ)

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले दो दिनों से कह रहे हैं कि ऑक्सीजन की भारी किल्लत है, जिससे हाहाकार मच सकता है। अब पता चल रहा है कि दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में चल रहे ‘किसान आंदोलन’ के कारण ऑक्सीजन की सप्लाई में देरी आ रही है। ये वही ‘किसान आंदोलन’ है, जिसे AAP ने समर्थन दिया हुआ है। अब वे सारी जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर डालते दिख रहे हैं।

दिल्ली पुलिस ने एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया था, जिसके तहत ‘श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट’ तक ऑक्सीजन की सप्लाई तेज़ी से और निर्बाध रूप से हो सके। इस अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत नाजुक स्तर पर पहुँच गई थी। 19,500 लीटर के दो लिक्विड ऑक्सीजन सिलिंडरों को उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सीमाओं से लाने के लिए सोमवार (अप्रैल 19, 2021) की रात डेडिकेटेड कॉरिडोर बनाया गया था।

पुलिस ने बताया था कि दोनों की राज्यों से लगी सीमाओं पर ट्रैफिक जाम के कारण ऑक्सीजन के सिलिंडर अटके रहे, वहीं अब सप्लायर्स ने एक पत्र में कुछ अलग ही कारण बताया है। उसने कहा है कि आंदोलनरत किसानों के कारण ऑक्सीजन की सप्लाई में बाधा आई। ये पत्र ‘आइनॉक्स एयर प्रोडक्ट्स’ ने लिखा है, जो केंद्र सरकार को ऑक्सीजन की सप्लाई करती है। उनके प्लांट्स राजस्थान और उत्तर प्रदेश में स्थित हैं।

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कंपनी ने कहा है कि आंदोलनकारियों ने हाइवे को ब्लॉक कर रखा हुआ है, जिससे सप्लाई में परेशानी आ रही है। पश्चिम विहार स्थित बालाजी अस्पताल में लगभग ऑक्सीजन ख़त्म ही होने वाला था, लेकिन दिल्ली-यूपी सीमा पर गाजीपुर स्थित NH24 पर किसानों का कब्ज़ा था, जिससे सप्लाई में 2 घंटे की देरी हुई। उत्तर प्रदेश के मोदीनगर से ऑक्सीजन की सप्लाई लेकर चल रही गाड़ियों को 100 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है।

कंपनी के पत्र में ये भी लिखा है कि इसके इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) फैसिलिटीज से ऑक्सीजन की सप्लाई भी ‘किसान आंदोलन’ की वजह से रुक रही है। भारत सरकार ने उससे कहा है कि वो पानीपत स्थित IOC की यूनिट से ऑक्सीजन लेकर दिल्ली पहुँचाए। लेकिन, बीच में सिंघु बॉर्डर पड़ता है, जहाँ किसान अब भी बैठे हुए हैं। इसलिए, कंपनी ने ऑक्सीजन ले जा रहे ट्रकों और ट्रांसपोर्ट्स के लिए ग्रीन कॉरिडोर्स बनाने की माँग की है।

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी किसानों द्वारा सड़क जाम करने के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए कहा कि वो किसी और के अधिकारों को नहीं छीन सकते और उनके आवागमन को बाधित नहीं कर सकते। जस्टिस संजय किशन कौल ने किसानों से कहा कि आप किसी नीति से सहमत नहीं हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि दूसरों का रास्ता बंद कर दें। एक सिंगल माँ ने याचिका दायर कर के कहा था कि आंदोलन के कारण उसे दिल्ली से नोएडा के सफर में 20 मिनट की जगह 2 घंटे लगते थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया