दरभंगा में PFI के समर्थन में रैली, लहराए कट्टरपंथी इस्लामी संगठन के झंडे: फुलवारी शरीफ में पकड़े गए आतंकियों को अपना मेंबर मानने से किया इनकार

दरभंगा में PFI के समर्थन में रैली (फोटो साभार: आज तक)

बिहार के दरभंगा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के समर्थन में सोमवार (18 जुलाई 2018) को रैली निकाली गई। पटना पुलिस के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में कट्टरपंथी इस्लामी संगठन का झंडा भी लहराया गया। फुलवारी शरीफ में पकड़े गए आतंकियों से पल्ला झाड़ते हुए पुलिस पर मनगढ़ंत कहानी बनाने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पीएफआई को बदनाम किया जा रहा है। अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन संगठन के सदस्य नहीं हैं।

पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष महबूब आलम ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने 11 जुलाई को अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को गिरफ्तार किया। फिर 3 दिनों के बाद दोनों को आतंकवाद से जोड़ दिया। महबूब आलम ने कहा कि अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन पीएफआई के सदस्य नहीं हैं, बल्कि ये दोनों एसडीपीआई के सदस्य हैं। पीएफआई पर हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने का आरोप लगाना राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है। आलम ने यह भी कहा कि पीएफआई के सेव द रिपब्लिक-गणतंत्र बचाओ कार्यक्रम को प्रभावित करने के लिए पटना पुलिस ने पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने दरभंगा के उर्दू नीम चौक से नाका नंबर 5 तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया। पटना पुलिस आरोप लगाते हुए कहा, “पुलिस मनगढ़ंत कहानी बना रही है। ​​​11 जुलाई को पुलिस ने 3 दिनों तक 2 लोगों को हिरासत में रखा। 13 जुलाई को दोनों का नाम आतंकवाद से जोड़ दिया। अतहर परहेज और जलालुद्दीन पॉपुलर फ्रंट के सदस्य नहीं है। पुलिस का आधार गलत है।”

फुलवारी शरीफ में पीएफआई के नेटवर्क के खुलासे के बाद पुलिस ने जिन 26 पर एफआईआर की थी उनमें से कुछ दरभंगा से भी है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने अब तक छह संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। 20 अन्य की तलाश में छापेमारी जारी है। गिरफ्तार किए गए संदिग्धों से पूछताछ में पता चला है कि वे 12 जुलाई को बिहार दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करना चाहते थे। इसके लिए 15 दिन की ट्रेनिंग भी दी गई थी।

क्या है मामला

बिहार की पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ से आतंकी गतिविधियों में शामिल में मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज को गिरफ्तार किया था। दोनों मार्शल आर्ट्स सिखाने के नाम पर युवकों का ब्रेन वॉश कर रहे थे। उन्हें हथियार चलाना सिखा रहे थे। फुलवारी शरीफ के एएसपी मनीष कुमार सिन्हा ने इस संबंध में बताया था, “भारत विरोधी गतिविधि में संलिप्त दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 2 माह से इनसे अलग-अलग जगह से लोग मिलने आते थे और अपनी टिकट व होटल की बुकिंग किसी और नाम से करते थे।”

पुलिस को इनके पास से 8 पन्नों का दस्तावेज मिला था। इसमें 2047 तक भारत को इस्लामी देश बनाने की साजिश दर्ज थी। इस दस्तावेज में लिखा था कि यदि 10 फीसद मुस्लिम आबादी पीएफआई के साथ आ जाए तो कायर बहुसंख्यकों को घुटने पर लाकर इस्लाम कबूल करवाया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी के पटना यात्रा को लेकर सतर्कता की वजह से इस देश विरोधी इस गतिविधि का खुलासा हुआ था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया