Sunday, September 1, 2024
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‘PFI के साथ आएँ 10% मुस्लिम, कायर बहुसंख्यकों (हिंदू) को घुटनों पर ला इस्लाम कबूल कराएँगे’: बिहार में चल रही थी ‘इस्लामी शासन’ की ट्रेनिंग

पुलिस ने जिन दो लोगों को पकड़ा उनमें मोहम्मद जलालुद्दीन तो झारखंड पुलिस का पूर्व सब इंस्पेक्टर रह चुका है जबकि अतहर परवेज आतंकी संगठन सिमी का सदस्य रहा है।

बिहार की पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ से आतंकी गतिविधियों में शामिल में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज के तौर पर हुई है। ये दोनो मार्शल आर्ट्स सिखाने के नाम पर युवकों का ब्रेन वॉश कर रहे थे। उन्हें हथियार चलाना सिखा रहे थे। इनका मकसद 2047 तक भारत को मुस्लिम देश बनाना था।

फुलवारी शरीफ के एएसपी मनीष कुमार सिन्हा ने इस संबंध में बताया, “भारत विरोधी गतिविधि में संलिप्त दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 2 माह से इनसे अलग-अलग जगह से लोग मिलने आते थे और अपनी टिकट व होटल की बुकिंग किसी और नाम से करते थे।”

उन्होंने जानकारी दी कि पुलिस ने जिन दो लोगों को पकड़ा उनमें मोहम्मद जलालुद्दीन तो झारखंड पुलिस का पूर्व सब इंस्पेक्टर रह चुका है जबकि अतहर परवेज आतंकी संगठन सिमी का सदस्य रहा है और फिलहाल वह पीएफआई-एसडीपीआई से जुड़ा है। ये दोनों मिलकर एक संगठन चला रहे थे। इस संगठन के जरिए ये अनपढ़ और भटके युवकों को संपर्क में लेकर उन्हें आतंकी गतिविधियों की ट्रेनिंग देते थे।

ट्रेनिंग में ये मार्शल आर्ट और शारीरिक शिक्षा के नाम पर तलवार और चाकू चलाना सिखाते थे। इसके अलावा धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए उनका ब्रेनवॉश करते थे। पुलिस ने बताया है कि उनके पास इसके न केवल गवाह हैं बल्कि सीसीटीवी फुटेज भी हैं। वहीं अतहर परवेज का तो भाई 2001-02 में बम ब्लास्ट मामले में जेल भी जा चुका है।

एएसपी मनीष के अनुसार, पुलिस को इनके पास से 8 पन्नों का दस्तावेज मिला है। जो बताता है कि इनका मकसद 2047 तक भारत को इस्लामी राज्य बनाने का था। इन दस्तावेजों में लिखा था कि पीएफआई मानता है कि 10 फीसद मुस्लिम आबादी उनके साथ आ जाए तो वो कायर बहुसंख्यकों को दोबारा घुटने पर लाएँगे और उन्हें इस्लाम कबूल करवाएँगे।

अब पुलिस इनके पाकिस्तानी कनेक्शन तलाश रही है। इसके अलावा आगे की जाँच के लिए ईडी की मदद भी ली जाएगी। पुलिस को संदेह है कि ट्रेनिंग देने के लिए इन्हें पाकिस्तान ही पैसे देता था। जाँच में पाया गया कि इन लोगों के पास 14, 30 और 40 लाख रुपए के ट्रांजैक्शन प्रमाण भी हैं। पुलिस को पता चला है कि इन्हें पाकिस्तान, बांग्लादेश और केरल से भी फंडिंग होती थी

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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