नूहं के नल्हड़ मंदिर पर हमले को नकारने में लगे हैं वामपंथी-कट्टरपंथी: जिस पुजारी के हवाले से किया जा रहा दावा, उसने ऑपइंडिया से कहा- पहाड़ों से बरसाई जा रही थीं गोलियाँ

हरियाणा में नूहं स्थित नल्हड मंदिर के पुजारी ने बताया अपने ही बयान का सच (फाइल फोटो)

मेवात का नल्हड मंदिर। नूहं में हुई हिन्दू विरोधी हिंसा के बाद में भी खासा चर्चा में है। यही वो जगह है, जहाँ 31 जुलाई 2023 को हिन्दुओं ने छिपकर अपनी जान बचाई थी। पीड़ितों का कहना है कि मंदिर परिसर में शरण लेने के बावजूद उन पर गोलियाँ चलाई गईं। इस बीच मंदिर के पुजारी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वामपंथी और इस्लामी गैंग झूठ एवं भ्रम का हवाई किला खड़ा करके हरियाणा के गृहमंत्री तक को झूठा साबित करने में लगे हैं। दरअसल, हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा था कि नहूं के नल्हड़ महादेव मंदिर के अंदर लोगों को बंधक बना लिया गया था।

दरअसल, ‘द वायर’ ने 1 अगस्त 2023 को एक ग्राउंड रिपोर्ट प्रकाशित किया। अपनी रिपोर्ट में पोर्टल ने मंदिर के पुजारी दीपक शर्मा से बातचीत का दावा किया है। द वायर ने पुजारी दीपक शर्मा के हवाले से बताया, “लोगों को बंधक क्या बनाएँगे, परमात्मा की शरण में थे। अचानक पता चला कि माहौल खराब है। स्थिति खराब होने की वजह से अंदर ही फँस गए।”

द वायर की महिला पत्रकार अरफ़ा खानम शेरवानी ने 1 अगस्त 2023 को इस खबर में गृहमंत्री अनिल विज की तस्वीर लगाते हुए शेयर किया। उन्होंने यह भी दावा किया कि नल्हड मंदिर के पुजारी ने अनिल विज के बयान का खंडन किया है।

द क्विंट ने भी अपनी एक ग्राउंड रिपोर्ट में कहा कि मंदिर के पुजारी ने मंदिर के आसपास शांति का माहौल है। क्विंट की पत्रकार फातिमा खान ने 3 अगस्त को एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में पुजारी ने ढाई-तीन किलोमीटर दूर हिंसा होने की बात कही। लगभग 3 मिनट के इस वीडियो में पुजारी को नारेबाजी की खिलाफत करने और मिलजुल कर रहने की नसीहत देते भी सुना जा सकता है।

अक्सर हिन्दू विरोधी ट्वीट करने वाली पत्रकार सदफ अमीन ने न्यूज पोर्टल लल्लनटॉप के वीडियो को शेयर करते हुए हरियाणा के गृहमंत्री के बयान को गलत ठहराने का प्रयास किया।

चित्र साभार- सदफ ट्वीटर हैंडल

लल्लनटॉप के जिस वीडियो का हिस्सा सबसे ज्यादा शेयर किया जा रहा है, उसका मूल वीडियो 4 मिनट 34 सेकेंड का है। इस वीडियो में पत्रकार ने पहले मंदिर की वर्तमान हालत और सुरक्षा व्यवस्था दिखाई, फिर लगभग 2 मिनट मंदिर के पुजारी दीपक से बात की। इस वीडियो में भी पुजारी ने मंदिर में कोई घटना न होने की बात कही है।

हाजी मेहरदीन ने इस वीडियो को शेयर किया है। उन्होंने लिखा, “हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा था कि नूहं के एक शिव मंदिर मे 4000 लोगों को बंधक बना लिया गया है। इस दावे को शिव मंदिर के पुजारी दीपक शर्मा ने खारिज कर दिया है।”

चित्र साभार- @HajiRangrez786

पुजारी ने ऑपइंडिया से बताई सच्चाई

वायरल हो रहे इन तमाम दावों की पुष्टि के लिए ऑपइंडिया ने 2 अगस्त को पुजारी दीपक शर्मा से बात की। यह बातचीत लगभग आधे घंटे तक चली। आधे घंटे की बातचीत में पुजारी अपने बयान को तोड़-मरोड़ कर और आधा-अधूरा दिखाने से काफी दुखी लगे। थोड़ा नॉर्मल होने के बाद उन्होंने कहा कि 3 तरफ से घिरे पहाड़ों पर से मंदिर पर गोलियाँ बरसाईं गई थीं।

ऑपइंडिया से बातचीत के दौरान पुजारी ने यह भी कहा कि मंदिर परिसर के अंदर हिंसा के दावों की वो पुष्टि नहीं करते। उन्होंने यह भी कहा कि जिस घटना को उन्होंने अपनी आँखों से नहीं देखा, उसका खंडन भी वे नहीं कर सकते। हमने मंदिर परिसर के वायरल हो रहे तमाम वीडियो के बारे में भी पुजारी से पूछा।

इस पर पुजारी दीपक शर्मा ने बताया कि इंटरनेट बंद है वर्ना वो भी उसे देखते और फिर उसी हिसाब से बात करते। जब हमने पुजारी से पूछा कि क्या वो गारंटी ले रहे हैं कि मंदिर परिसर में कुछ भी नहीं हुआ तो उन्होंने कहा, “मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ कि मैं अंदर था और मैंने नहीं देखा।”

ऑपइंडिया के पास मौजूद वीडियो में एक पुलिसकर्मी मंदिर की बॉउंड्री पर चढ़कर लोगों को बचाने के लिए हवाई फायरिंग करता दिखाई दे रहा है। वहीं, एक अन्य वीडियो में मंदिर परिसर में एक घायल व्यक्ति पड़ा दिखाई दे रहा है। लोगों को उसके पैर में पट्टी बाँधते देखा जा सकता है।

मंदिर के पुजारी हमसे बातचीत के दौरान अपनी सुरक्षा को लेकर भी चिंतित दिखे। उन्होंने आसपास के माहौल और हालात की भी बात की। उनका यह भी कहना था कि वो जिन-जिन बातों के चश्मदीद होने का दावा करेंगे, उनमें उनको कानूनी प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ेगा।

सारांश में दीपक शर्मा ने हमें बताया कि वो सिर्फ उन्हीं बातों की गारंटी ले सकते हैं, जो उनकी आँखों के आगे हुआ है। उनका कहना था कि मंदिर परिसर काफी बड़ा है और वो हर तरफ नहीं देख सकते थे। नल्हड मंदिर के पुजारी ने यह भी बताया कि वह कोई बयान देने से पहले कुछ लोगों से सलाह करते हैं। हालाँकि, वो सलाहकार कौन हैं इसका उन्होंने खुलासा नहीं किया।

राहुल पाण्डेय: धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।