‘क्वीन का रोल ऑफर कर शूटिंग पर किया रेप’: पीड़िताओं को टॉर्चर कर बनाई गई अश्लील फिल्में, राज कुंद्रा को बेल से कोर्ट का इनकार

राज कुंद्रा की बेल याचिका खारिज (साभार: न्यूज ट्रैक इंग्लिश)

पोर्न केस में चारों ओर से फँसे कारोबारी राज कुंद्रा की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। एक ओर मुंबई अदालत ने उनको जमानत देने से मना कर दिया है और दूसरी ओर कुछ अन्य पीड़िताएँ भी सामने आई हैं जिन्होंने इस केस में गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िताओं का कहना है कि उनसे उन लोगों ने जबरन अश्लील सीन शूट करवाए जो कुंद्रा को कंटेंट भेजते थे और यही कंटेंट ऐप के मालिक को भी बेचा जाता था।

एक पीड़िता ने तो इस बाबत कई सबूत भी पेश किए। उसके पास ऑडिशन के लिए जो इंस्टाग्राम पर संदेश आए थे। उसने बताया कि पहले उसे शुरू शुरू में पोज देने के लिए कहा गया लेकिन हर ऑडिशन के हर चरण के बाद अश्लीलता बढ़ती गई। जब पीड़िता ने इन सबके लिए मना किया जो उसे मुकदमे की धमकी दी गई। साथ में पूरे शूट का खर्चा देने को भी कहा गया।

इसी तरह एक अन्य पीड़िता ने कहा कि घर की आर्थिक स्थिति के कारण उसे काम की बहुत ज्यादा जरूरत थी। वह ऑडिशन देने गई तो उसे रानी का रोल प्ले करने को कहा गया। वह तैयार हो गई। बाद में पता चला कि वह सामान्य ऑडिशन सेट अप नहीं था। पीड़िता बताती है कि जब उसने वहाँ से निकलने की कोशिश की तो आरोपितों ने डराने धमकाने वाले हथकंडों से उसे ब्लैकमेल किया, लेकिन वहाँ से उसे जाने नहीं दिया। जब उसने रोना शुरू किया तो चेहरे पर एक्स्ट्रा मेक अप लगाकर उसके आँसू छिपाए गए और पूरी फिल्म शूट की गई।

पीड़िता ने पुलिस को यह भी बताया कि उसकी वीडियो में नजर आने वाले एक्टर ने उसके साथ रेप किया और ये सब फिल्म में रिकॉर्ड हुआ। उसके रोने के कारण कई बार उसका मेकअप करना पड़ा और जब पूरी शूटिंग हो गई तो उसे 10 हजार रुपए थमा दिए गए और वहाँ से जाने को कहा गया।

बता दें कि राज कुंद्रा की बेल याचिका मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विरोध करते हुए अन्य पीड़िताओं के बयान का उल्लेख किया गया है। उन्होंने बताया कि कैसे आरोपित ने जरूरतमंद औरतों का फायदा उठा कर उन्हें इस अपराध की ओर ढकेला जबकि वह खुद अमीर और रसूखदार व्यक्ति थे।

कोर्ट में दावा किया गया कि बहुत सी अन्य पीड़िताओं ने भी सामने आकर शिकायत लिखवाई है। इसके अलावा ये भी संभव है कि राज कुंद्रा विदेश भाग जाएँ या जरूरी सबूतों को नष्ट कर दें। पूरे मामले को जानने समझने के बाद चीफ मेट्रोपोलिटियन मजिस्ट्रेट एसबी भाजीपाले ने उनकी बेल याचिका को रद्द कर दिया।

मालूम हो कि जिन धाराओं में राज कुंद्रा के विरोध केस चल रहे हैं उनमें अधिकतम सजा 7 साल की है। उनके विरुद्ध आईपीसी की धारा 292, 293 और आईटी एक्ट 67 और 67ए के तहत केस दर्ज है। कुंद्रा की ओर से माँग की गई है कि उन्हें हिरासत से राहत दी जाए। हालाँकि, कोर्ट इस केस में मुंबई पुलिस के जवाब का इंतजार कर रही है। इसके बाद यह मामला 29 जुलाई को सुना जाएगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया