क्या हिंदू नववर्ष पर करौली में हिंसा के पीछे PFI? दंगों से पहले ही CM गहलोत को लिख दी थी चिट्ठी, अब RSS को दोषी बता रहे कॉन्ग्रेस के मंत्री

राजस्थान के करौली में हुई हिंसा से 2 दिन पहले PFI ने गहलोत सरकार और DGP को लिखी थी चिट्ठी

राजस्थान के करौली में हिंदू नव वर्ष पर 2 अप्रैल 2022 को हिंसा हुई थी। क्या इसके पीछे कट्टरपंथी इस्लामी संगठन PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) का हाथ है? यह सवाल एक पत्र से खड़ा हुआ है जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस हिंसा से ठीक पहले लिखी गई थी।

1 अप्रैल को PFI ने एक प्रेस रिलीज जारी कर विवाद की बात कही थी। इस संबंध में राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद आसिफ द्वारा सीएम को चिट्ठी लिखने की बात बताई थी। य​ह चिट्ठी राज्य के पुलिस महानिदेशक को भेजे जाने की बात भी कही जा रही है। उल्लेखनीय है कि हाल के समय में देश के कई हिस्सों में सुनियोजित हिंसा में पीएफआई का नाम सामने आया है।

इस पत्र में लिखा गया था, “दिनांक 2 से 4 अप्रैल तक राजस्थान के तमाम जिलों, तहसीलों और कस्बों में RSS और उनके अन्य संगठनों द्वारा हिन्दू नववर्ष के अवसर पर भगवा रैली आयोजित की जा रही है। इन रैलियों में धार्मिक उन्माद फैलाने वाले नारों को प्रतिबंधित करने, साम्प्रदायिक सौहार्द को बचाने, कानून-व्यवस्था को कायम रखने और इन आयोजनों को शांतिपूर्ण ढंग से पूरा करवाने की माँग की जाती है।”

1 अप्रैल को पीएफआई ने एक प्रेस रिलीज भी जारी की थी

इस संबंध में पूछे जाने पर राजस्थान सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, “सरकार के पास इनपुट था। पुलिस ने उसकी तैयारी भी की थी। सब जगह पुलिस साथ में चल रही थी। हम बहुत सख्त हैं और आगे कार्रवाई भी होगी। लेकिन जिस तरफ से BJP के लोग जुलूस निकाल रहे हैं, तो अगर BJP और RSS अपने कार्यालय में बैठ कर तय करवाते हैं कि राजस्थान में दंगे करवाने हैं तो इसका कोई इलाज ही नहीं है। इनका एजेंडा तय है कि दंगे करवाने हैं।”

वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने करौली हिंसा के मामले में एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक के बाद उन्होंने कहा, “अपराधी चाहे किसी भी धर्म, जाति या वर्ग का हो। उसे बख्शा नहीं जाएगा।”

इस मामले की जाँच के लिए SIT का गठन कर दिया गया है। SIT की टीम मौके से सबूत जुटा रही है। पुलिस ने अब तक कुल 13 लोगों की गिरफ्तारी बताई है। लगभग 15 लोग हिरासत में हैं जिनसे पूछताछ की जा रही है। CCTV फुटेज चेक कर बाकी आरोपितों की पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

करौली हिंसा में कुल 43 लोग घायल हुए थे। अभी भी इंटरनेट बंद हैं। जिन छात्रों की क्लास 12 बोर्ड की परीक्षाएँ चल रही हैं, उनके प्रवेश पत्र ही उनके पास के तौर पर काम आएँगे। बच्चों को परीक्षा केंद्र तक ले जाने के लिए उनके अभिभावकों को भी छूट दी गई है। सरकारी कर्मचारी अपना पहचान-पत्र दिखा कर ऑफिस जा सकते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया